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रायपुर, 6 अगस्त। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौबे ने प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा बताया।
कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से बड़े ऐप स्टोर ऑपरेटरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है, जो सॉफ्टवेयर डेवलपर्स को अपने प्लेटफॉर्म के भुगतान प्रणालियों का उपयोग करने के लिए मजबूर कर रहीं है और जिसके एवज़ में वे भारी कमीशन वसूल रही हैं। हाल ही में, दक्षिण कोरिया ने बड़े ऐप स्टोर पर प्रतिबंध लगाने वाला एक कानून पारित किया है। प्रमुख रूप से दो प्रमुख कंपनियां गूगल और ऐप्पल अपना सोफ्टवायर इस्तेमाल करने वाले लोगों से ज़ोर डाल कर कहते हैं कि अनिवार्य रूप से उनका भुगतान सिस्टम ही इस्तेमाल करें।
कैट ने बताया कि इस पर कम्पनियाँ 30 प्रतिशत तक कमीशन ले रही हैं और गैर-प्रतिस्पर्धी वातावरण तैयार कर रही हैं, जिसके बल पर बड़ी तकनीकी कंपनियों ने भारी दबदबा हासिल कर लिया है। बड़ी संख्या में छोटे प्रौद्योगिकी खिलाड़ियों के लिए एक प्रमुख बाधा साबित हुई है और इसलिए उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और शक्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए नियामक कदमों की आवश्यकता है। ई-कॉमर्स में किए जा रहे अन्य कदाचारों की तरह वही प्रथाओं को प्रौद्योगिकी में भी लागू करने की कोशिश की जा रही है जो कि बड़े पैमाने पर देश हित में नहीं है।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने बताया कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने की तत्काल आवश्यकता है और सभी सेवा प्रदाताओं को सर्वोत्तम सामग्री और सेवाएं प्रदान करने के लिए समान अवसर प्रदान करना और उपभोक्ता को यह तय करने देना है कि क्या उपयोग करना है और क्या नहीं। सरकार को ऐप स्टोर के द्वारपालों को उनकी हानिकारक और प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं के लिए जवाबदेह बनाना चाहिए। दोनों नेताओं ने आशा व्यक्त की कि सरकार दक्षिण कोरिया के नेतृत्व का अनुसरण करेगी और सभी ऐप डेवलपर और उपयोगकर्ताओं के लिए समान स्तर के व्यापार करने का मैदान सुनिश्चित करेगी।


