कारोबार
रायपुर, 24 मई। आईआईआईटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार हरीश कुमार ने बताया कि डॉ. कुलदीप सिंह पटेल, असिस्टेंट प्रोफेसर (गणित), आईआईआईटी-नया रायपुर के एक इंडो-जर्मन सहयोगी परियोजना प्रस्ताव को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार एवं जर्मन अकादमिक विनिमय सेवा, डीएसटी-डीएएडी-2019 प्रस्ताव के अंतर्गत स्वीकार कर लिया गया है। कुल प्राप्त 63 प्रस्तावों में से 16 परियोजनाओं को उनकी वैज्ञानिक योग्यता, उद्देश्यों की पूरकता, समन्वयकों की वैज्ञानिक परख, दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं एवं धन की उपलब्धता के आधार पर डीएसटी और डीएएडी-2019 दोनों द्वारा सहायता के लिए चुना है।
श्री कुमार ने बताया कि डॉ. कुलदीप का प्रोजेक्ट प्रस्ताव थ्योरी एंड कंप्यूटेशन ऑफ ऑप्शन प्राइस एंड ऑप्टिमल पोर्टफोलियो अंडर रिजीम स्विचिंग मार्केट मॉडल गणित विषय से स्वीकृत एकमात्र परियोजना है। पिछले कुछ वर्षों में, शेयर बाजारों में डेरिवेटिव के कारोबार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। डेरिवेटिव का सटीक मूल्य निर्धारण हमेशा अकादमिक और उद्योग जगत दोनों के लिए एक चुनौती रहा है। यह इंडो-जर्मन प्रोजेक्ट एडवांस मैथमैटिकल मॉडल का उपयोग करते हुए डेरिवेटिव प्राइसिंग के सिद्धांत और गणना से संबंधित है।
श्री कुमार ने बताया कि परियोजना की अवधि दो साल के लिए है और जून 2021-मई 2023 के दौरान दोनों देशों के शोधकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप से पूरी की जाएगी। मौजूदा अनुसंधान सहयोग को मजबूत करने के लिए तथाअनुसंधान की नई संभावनाएं स्थापित करने के उद्देश्य से परियोजना के दौरान भारतीय और जर्मन दोनों प्रतिभागियों द्वारा कुल आठ दौरे किये जायेंगे।


