बीजापुर
पीडब्लूडी के 5 अफसर गिरफ्तार, दो रिटायर्ड ईई भी शामिल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 30 जुलाई। नेलसनार-कोडोली-मिरतुर-गंगालूर सडक़ निर्माण घोटाले ने न केवल सरकारी सिस्टम की पोल खोली है, बल्कि एक पत्रकार की जान भी ले ली। गड़बड़ी उजागर करने वाले पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के सात महीने बाद अब इस मामले में पुलिस ने पीडब्ल्यूडी के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो रिटायर्ड ईई, एक वर्तमान ईई, एक एसडीओ और एक सब-इंजीनियर शामिल हैं।
ज्ञात हो कि 73.08 करोड़ की लागत से मंजूर हुई यह सडक़ बीजापुर जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कनेक्टिविटी का जरिया बननी थी। मगर निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार ने सडक़ की हालत शुरू से ही खस्ता कर दी थी। इसे लेकर आवाज़ उठाने वाले युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने इस पूरे घोटाले को उजागर किया।
तीन जनवरी को उनका शव बीजापुर के चट्टानपारा इलाके में सुरेश चंद्राकर के एक निर्माणाधीन परिसर के सेप्टिक टैंक से मिला था।
पुलिस अब तक चार आरोपियों सुरेश चंद्राकर, उनके दो भाई और एक सुपरवाइजऱ को हत्या के मामले में जेल भेज चुकी है। अब गहराई से की गई जांच के बाद सडक़ निर्माण में घपले के लिए जिम्मेदार विभागीय अधिकारियों पर शिकंजा कसना शुरू हुआ है। पांचों अफसरों को रिमांड पर लिया गया है।
1200 पन्नों की चार्जशीट
विशेष जांच दल एसआईटी की 1200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट कॉल डाटा, रिकार्ड्स, सीसीटीवी फुटेज व 72 गवाहों के बयानों के आधार यह चार्जशीट तैयार की गई थी।


