बीजापुर

3 जुलाई से नियमितीकरण की मांग को ले बेमुद्दत हड़ताल पर हैं कर्मी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 14 जुलाई। नियमितीकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ पर सरकार द्वारा एस्मा लगाये जाने से नाराज संविदा कर्मियों ने आज मुख्यमंत्री के नाम सामूहिक त्यागपत्र का आवेदन डिप्टी कलेक्टर को सौंपा।
ज्ञात हो कि जिले में मनरेगा, आईसीडीएस, एनएचएम, डीआरडीए, पंचायत, कृषि, शिक्षा व एनआरएलएम सहित अन्य विभागों में कार्यरत संविदा कर्मी बीते 3 जुलाई से नियमितीकरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए हैं। लेकिन सरकार ने अब तक इनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया। गत 11 जुलाई को सरकार ने संविदा कर्मियों पर एस्मा लगाकर कलेक्टरों को कार्रवाई के निर्देश दिए जाने के बाद छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ भडक़ गया है।
एस्मा के विरोध में संविदा कर्मियों ने शुक्रवार को नौकरी से सामूहिक त्यागपत्र देकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। ज्ञात हो कि जिले में 700 से ज्यादा संविदा कर्मी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं।
ज्ञात हो कि पौने पांच साल बाद भी सरकार के जनघोषणा पत्र के वादे संविदा कर्मचारियों का नियमितिकरण पूरा नहीं किए जाने को लेकर संविदा कर्मचारी हड़ताल में बैठे हैं। सरकार ने इनसे संवाद स्थापित करने की अपेक्षा कर हड़ताल को दमनपूर्वक तोडऩे सीधे एस्मा कानून लगाकर कलेक्टर को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इससे संगठन भडक़ गया है और दमनपूर्वक करवाई एस्मा के विरोध में संविदा कर्मचारियों ने नौकरी से त्यागपत्र देकर अपना विरोध प्रदर्शन किए।
महासंघ के जिला अध्यक्ष रमाकांत पुनेठा ने कहा कि लोकतंत्र में सम्मानपूर्वक काम और संवैधानिक तरीके से अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। किंतु जब शासन की योजनाओं को धरातल पर लागू करने वाले कर्मचारियों को हर साल नौकरी से निकाले जाने का भय और कार्य के दौरान प्रशासनिक प्रताडऩा का प्रति दिन सामना करना पड़ता हो तो उनकी मन:स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। जब वे पीडि़त कर्मचारी अपनी पीड़ा दूर करने चुनावपूर्व किए गए सरकार के वादे को पूरा करने गुहार लगाते हैं तो उनको सुनने संवाद स्थापित करने की बजाय उनकी आवाज को दमनपूर्वक दबाया जाता है। छत्तीसगढ़ में सरकारें तो बदली पर हमारे भाग्य नहीं बदले। हम आज भी स्थायित्व और सम्मान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।