बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 11 दिसंबर। सिल्घट में तीन दिवसीय कार्यक्रम 108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ का 108 जोड़ों का सामूहिक विवाह और 1008 गर्भवती माताओं गर्भ संस्कार का शुभारंभ हुआ।
धर्म, संस्कृति और भारतीय परंपराओं के उज्ज्वल संरक्षण के उद्देश्य से ग्राम सिलघट (भिंभौरी) में भव्य कलश यात्रा का आयोजन हुआ, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना योगेश तिवारी विशेष रूप से शामिल हुईं। यह पूरा आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में, वेदमाता गायत्री, युगऋ षि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य तथा माता भगवती देवी शर्मा के दिव्य संरक्षण में प्रारंभ हुआ है। 108 कुण्डीय शक्ति संवर्धन गायत्री महायज्ञ 10 से 13 दिसंबर तक चलेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा- मैं बचपन से गायत्री परिवार से जुड़ी हूँ, आज गाँव में यह आयोजन होते देख मन भाव-विभोर है।
जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना योगेश तिवारी ने कहा- गायत्री परिवार मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा रहा है मैं बचपन से गायत्री परिवार के संस्कार, संस्कृति और सेवा भावना से जुड़ी हुई हूँ। आज सिलघट (भिंभौरी) जैसे ग्राम में इतना बड़ा, भव्य और दिव्य आयोजन देख मन गर्व, भाव और आध्यात्मिक आनंद से भर उठता है।
108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ, गर्भोत्सव, आदर्श विवाह और 1008 माताओं का गर्भसंंसंसकार का अनुष्ठान का कार्यक्रम ये सिर्फ आस्था के कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज निर्माण, संस्कार निर्माण और राष्ट्र निर्माण की दिशा में सबसे पवित्र कदम हैं। उन्होंने कहा- गायत्री महायज्ञ पीढिय़ों को संस्कार देता है, परिवारों को एकता देता है और समाज को शुद्ध दिशा प्रदान करता है। मैं ग्रामवासियों और गायत्री परिवार का हृदय से धन्यवाद करती हूँ कि उन्होंने इस पवित्र आयोजन को इतनी दिव्यता के साथ संपन्न कराया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा- आप सभी अपने इष्ट मित्रों, परिचितों और परिवार सहित इन यज्ञीय कार्यक्रमों में अवश्य शामिल हों। भारतीय संस्कृति को जीवित रखने और समाज में संस्कारों के दीप जलाने का सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता अत: इस अवसर का लाभ अवश्य उठाएँ। ग्रामवासियों ने किया हार्दिक स्वागत सिलघट (भिंभौरी) के ग्रामवासियों, महिला मंडल, युवाओं, गायत्री परिवार के कार्यकर्ताओं तथा जनप्रतिनिधियों ने जिला पंचायत अध्यक्ष का आत्मीय स्वागत किया।
गाँव में बाजा, पुष्पवृष्टि और जयकारों के साथ कलश यात्रा अत्यंत भव्य रूप में निकली।


