बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 21 नवंबर। शासकीय उच्च प्राथमिक शाला सुवरतला में जनजातीय गौरव पखवाड़ा मनाया गया। यह दिवस क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष में मनाया गया।
इस अवसर पर सहायक शिक्षिका लेखा रजक ने बच्चों को बताया कि बिरसा मुंडा भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी और आदिवासी नेता थे। उनका जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलिहातु में हुआ था। भगवान बिरसा मुंडा ने अपने जंगल, जमीन और अपनी आजादी के लिए ब्रिटिश शासकों का जमकर विरोध किया था। आजादी की लड़ाई में बिरसा मुंडा का महत्वपूर्ण योगदान था। उन्होंने ब्रिटिश शासन और दमनकारी नीतियों के खिलाफ आदिवासी विद्रोह का नेतृत्व किया था। उन्होंने ‘उलगुलान’ नामक एक बड़े आंदोलन के माध्यम से ब्रिटिश नीतियों का विरोध किया, जिसने आदिवासियों को उनकी जमीन और अधिकारों से बेदखल कर दिया था। उनका संघर्ष न केवल आदिवासी समाज को एकजुट करने में बल्कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा देने में भी महत्वपूर्ण था। शिक्षक संतोष ठाकुर ने भी विस्तार से क्रांतिकारी बिरसा मुंडा पर अपनी बातें रखे। इस अवसर पर प्रधान पाठक सुनीता जोशी ने बताया कि झारखंड के विकास और स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाई। इस अवसर पर आदिवासी जनजाति वेशभूषा में कक्षा पांचवी के दिवेश सेन, संदीप सेन और विनीत वर्मा शामिल हुए। जनजाति गौरव पखवाड़ा के अंतर्गत प्रधान पाठक सुनीता जोशी, संतोष ठाकुर, प्रधान पाठक बसंत कौशिक, महेश्वरी साहू, लेखा रजक, खुबीराम साहू, बेला ध्रुव, अंजनी वर्मा और सभी विद्यार्थी गण उपस्थित रहे।


