बेमेतरा
कलेक्टोरट के पीछे 500 मीटर की दूरी पर 100 से अधिक हाइवा मुरूम डंप, भोइनाभाठा बना केंद्र
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 16 अक्टूबर। बेमेतरा जिले में मुरुम खनन को लेकर गंभीर आरोप सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि कलेक्टर कार्यालय के पीछे करीब 500 मीटर की दूरी पर 100 से अधिक हाइवा मुरुम डंप किया गया है। यहां से प्रतिदिन मुरुम का परिवहन और बिक्री की जाती है। इस संबंध में बड़ी मात्रा में खनन की शिकायत मिलने पर पत्रिका टीम पड़ताल के लिए ग्राम भोइनाभाठा पहुंची। जिला मुख्यालय से लगभग पांच किमी दूर स्थित भोइनाभाठा गांव में अवैध मुरुम खनन की जानकारी मिली है। इसके अलावा पिपरभट्टा, तेंदुभाठा व मोहतरा आदि गांवों में भी जेसीबी मशीन से मुरुम निकाला जा रहा है।
खनन पर कार्रवाई नहीं-आरोप
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाते कहा कि इस अवैध कारोबार से प्रतिदिन लाखों रुपये का लेनदेन होता है। ग्रामीणों के अनुसार इसमें कुछ जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी बताई जाती है। अवैध खनन पकड़े जाने के बाद भी सख्त कार्रवाई न होने की बात सामने आती है।
जगह-जगह मुरुम डंप
खनिज विभाग की अनुमति के बिना कई स्थानों पर सरकारी जमीन से मुरुम निकाला जा रहा है और डंप कर बिक्री की जा रही है।
गांव में जहां खाली जमीन देख रहे, वहां खनन
ग्रामीणों ने बताया कि गांव की खाली जमीन पर मुरुम निकाला जा रहा है। गांव की कई एकड़ जमीन खोदी जा चुकी है। बरसात के समय इन गड्ढों में पानी भरने से मवेशियों के फंसने और हादसे होने की जानकारी दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि 10 से 15 फीट तक गहरा खनन किया गया है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
सूत्रों का कहना है कि खनन अधिकारी को अवैध खनन की जानकारी होने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। जानकारी के अनुसार जब भी अधिकारी कार्रवाई के लिए निकलते हैं तो माफिया को पहले ही खबर मिल जाती है और वे मौके से चले जाते हैं। पत्रिका टीम के गांव पहुंचने पर हाइवा व जेसीबी के ड्राइवर वाहन लेकर चले गए। कलेक्टर कार्यालय के पीछे वार्ड के मैदान में भी मुरुम का बड़ा डंप देखा गया।
टीम बनाकर करेंगे कार्रवाई - एसडीएम
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि राजस्व और माइनिंग की टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी। डंप मुरुम को जब्त किया जाएगा।
पंचायत ने अनुमति नहीं दी - सरपंच
ग्राम सरपंच ज्योति मनोज गायकवाड़ ने कहा कि पंचायत ने मुरूम खनन की अनुमति नहीं दी है। यह अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है। शिकायत लगातार अधिकारियों को की जा रही है, लेकिन मौके पर पहुंचने से पहले खनन में लगे वाहन वहां से निकल जाते हैं।


