बेमेतरा

नवागढ़ के 16 जलाशय सूखे, जिले के 74 फीसदी इलाकों का बुरा हाल
30-Apr-2024 3:53 PM
नवागढ़ के 16 जलाशय सूखे, जिले के 74 फीसदी इलाकों का बुरा हाल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 30 अप्रैल। अक्टूबर महीने में बेमेतरा जिले में जलसंसाधन विभाग के 110 स्कीम में से 52 में शत-प्रतिशत जल भराव था। आज की स्थिति में जिले में एक जलाशय लबालब है बाकी 109 में जलभराव दर्शनीय है। 19 में 25 से 50 फीसदी जलभराव के बीच की स्थिति है। 85 जलाशय 25 फीसदी से कम जलभराव की स्थिति में है। पूरे जिले में कुछ जलाशय को वर्ष भर जलभराव बनाने योग्य कोई ठोस पहल नहीं किया गया है जिसके चलते यह स्थिति बनी है। एक दर्जन से अधिक नाले गायब हो गए हैं। अपने निर्माण के चार दशक बाद पहली बार झाल बेमेतरा जलाशय में 70 फीसदी से अधिक जलभराव हुआ है। यदि सही दिशा में कार्य किया जाए तो यह जलाशय वरदान साबित होगा।

जलस्त्रोत भी सूख रहे 

अक्टूबर 2023 में नवागढ़ ब्लाक के 25 स्कीम में से अठारह स्कीम धनौरा, मोहलाइन, कामता, पुटपुरा, झाल, सलहेघोरी, अमोरा, खैरा, खेड़ा नंबर वन, गोढ़ी कला, गनियारी, गिधवा, पेंड्री, एरमशही, गिधवा रेनो, कुरदा, एवं बेलदहरा जलाशय में शत प्रतिशत जलभराव था। बिनैका में 75 फीसदी से अधिक जलभराव था। मोतीमपुर, मुरकूटा, खेड़ा नंबर 2 परसड़ा एवं लालपुर में 50 फीसदी से अधिक जलभराव था। 29 अप्रैल 2024 की स्थिति में 50 फीसदी से अधिक जल भराव मोहलाइन एवं एरमसही जलाशय में है। 25 फीसदी से अधिक गनियारी एवं बेलदहरा में है। 21 जलाशय में 25 फीसदी कम यानी सुख चुके हैं।

गहरीकरण जरूरी

नवागढ़ ब्लाक के भौगोलिक स्थिति के जानकार प्रेमलाल वर्मा ने कहा कि ब्लाक की स्थिति को देखते हुए जलसंसाधन विभाग की जितनी भी स्कीम है इनमें से 80 फीसदी से कोई सिंचाई नहीं होता। 80 के दशक में लोगों को रोजगार देने पलायन रोकने के लिए बनी इन योजनाओं को अब गहरीकरण की दरकार है। कामता, गोढ़ी में तो बच्चे क्रिकेट खेलते थे। गहरीकरण हुआ तो जलसंरक्षण हुआ। गांव का भूजल स्तर में सुधार हुआ। वर्मा ने कहा कि पूरे ब्लॉक में गहरीकरण अभियान चलाकर स्कीम को जलभराव योग्य बनाया जा सकता है अन्यथा भविष्य में लोग जलाशय में खेती करेंगे प्रशासन को इनके लिए पानी की व्यवस्था करनी पड़ेगी।


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