बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 30 जनवरी। जिला कार्यालय में सोमवार को जनदर्शन में आवेदन लेकर पहुंचे दूरदराज के प्रार्थियों ने कलेक्टर की अनुपस्थिति में कार्यालय में आवेदन सौंपकर समस्या के निराकरण के लिए गुहार लगाई। जिला कार्यालय में सोमवार को ज्यादातर आवासों की स्वीकृति व पट्टा स्थल बदलने की मांग को लेकर आवेदन सौंपे गए हैं।
जिला मुख्यालय के कोाबिया वार्ड के आबादी पारा के अनेक निवासी बाल बच्चों के साथ आवेदन लेकर पहुंचे थे। आवेदकों ने पूर्व चयनित स्थल पर भ्रांतियों को चलते नया स्थान देेने की मांग की है।
सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंच आवेदकों में कोबिया वार्ड में आवासीय भूमि पर बीते 2019 से पट्टा पाकर रहने वाले जानकी गोड़, राजेश ,गोलू, पूजा ,लता , दशरथ व अन्य आवेदकों ने आवेदन देकर बताया कि पूर्व में शासन द्वारा उन्हें आवासीय भूमि दी गई थी, जिसमें वह मकान बनाकर रह रहे हैं। पर अब उस जगह पर कई तरह की बाधा आने लगी है। कई लोगों की मौत भी हो चुकी है, जिसे देखते हैं उनके द्वारा उपाय कराए गए। हालात को देखते हुए वे उस जगह को छोडक़र दिगर स्थान पर रह रहे हैं। जिसे प्रशासन द्वारा हटाने का निर्देश दिया गया है। आवेदकों को नए स्थान का चयन कर आवास पट्टा देने की मांग रखी।
समिति प्रबंधक पर कार्रवाई की मांग
नवागढ़ ब्लाक के ग्राम झाल समिति प्रबंधक के खिलाफ आवेदक आनंदराम साहू, ईश्वर दास, अगम दास ने जिला प्रशासन को आवेदन देकर धन लेने के नाम पर आर्थिक लाभ उठाने की बात कही है। आवेदकों ने किसानों के साथ हो रहे हैं अन्य को देखते हुए नामजद शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।
आवास का इंतजार करते-करते माँ की मौत
नवागढ़ ब्लाक के ग्राम खाँमहि निवासी हेमलाल विश्वकर्मा ने बताया कि उसकी मां तिलकुंवर विश्वकर्मा के नाम पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत की गई थी। 2018 में स्वीकृत प्रकरण पर लापरवाही बढ़ाते हुए जिम्मेदारों के द्वारा सत्यापन नहीं किया गया, और नाम को विलोपित कर दिया गया।
2019 में उसकी मां की कोरोना कल में मौत हो गई। आवेदक ने आवास की स्वीकृति स्वयं के नाम पर करने की गुहार लगाई है।
हाथ में टोकन नहीं मिला है, फिर आएंगे आवेदक
सोमवार को जिलेवासियों ने अलग-अलग समस्याओं व मांग को लेकर पहुंचे। जिला स्तरीय कार्यक्रम मेें कलेक्टर के जाने की वजह से लोगों को कार्यालय में ही आवेदन सौंपना पड़ा, जिसकी वजह से आवेदकों को जनदर्शन का टोकन नसीब नहीं हुआ है। कुछ आवेदक आगामी सप्ताह में आने की बात कहते हुए वापस लौट गए।


