बेमेतरा

ग्रामीण पटवारी कार्यालय शहरों में, भटकने मजबूर
29-Dec-2023 2:50 PM
ग्रामीण पटवारी कार्यालय शहरों में, भटकने मजबूर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 दिसंबर।
ग्रामीण क्षेत्र के हल्का पटवारियों का ब्लॉक व जिला मुख्यालय में कार्यालय संचालित करने से आमजनों में खासी नाराजगी है। छोटे से छोटे काम के लिए किसान, मजदूर व लोगों को भटकना पड़ता है। आलम यह है कि 20 से 25 किमी दूरी से लोग अपने काम के लिए जिला व ब्लॉक मुख्यालय पहुंचते हैं। कई बार पटवारी से मुलाकात नहीं होने पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

पटवारी को हल्का मुख्यालय में सोमवार व मंगलवार को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश  यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है। कई बार शिकायत के बावजूद इसका निराकरण नहीं हो पा रहा है। सत्ता व सरकार बदलने के बावजूद व्यवस्था में परिवर्तन नहीं हुआ है। राजस्व विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बावजूद कार्रवाई को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

20 से 25 किमी की दूरी तय कर जिला मुख्यालय आ रहे किसान व ग्रामीण 
वर्तमान में हल्का पटवारी अपने मुख्यालय में नहीं जा रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजस्व मामलों का निपटारा समय सीमा में करने के कड़े निर्देश दिए हैं। जिला मुख्यालय में संचालित ग्रामीण क्षेत्र के कई पटवारी कार्यालय में जाकर पड़ताल करने पर किसानों ने बताया कि छोटे से छोटे काम के लिए पटवारी कार्यालय चक्कर लगाने पड़ते हैं। हल्का में कार्यालय संचालित नहीं होने से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 20 से 25 किमी की दूरी तय कर जिला मुख्यालय आना पड़ता है, बावजूद कई बार काम नहीं हो पता।

4 साल पहले गाइडलाइन जारी
पटवारियों के मुख्यालय में उपस्थित नहीं रहने की शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ शासन के सचिव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ने 7 अगस्त 2019 को शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए पटवारियों के मुख्यालय में बैठने के लिए आदेश जारी किया था। पटवारी कार्यालयों में पटवारियों की अनुपस्थिति के चलते ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन परेशानियों से निजात दिलाने के लिए शासन की ओर से पटवारियों के लिए अब कड़ा गाईड लाईन तय किया गया था।

दो दिन तय समय तक बैठना अनिवार्य
 शासन से जारी आदेश के अनुसार सोमवार-मंगलवार को पटवारी अपने हलके में उपस्थित रहकर ग्रामीणों की समस्याओं का निराकरण करेंगे। पटवारियों को अब मुख्यालय की ग्राम पंचायतों में प्रत्येक सोमवार व मंगलवार को सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक बैठना अनिवार्य होगा। यदि पटवारी के पास एक से अधिक हल्का का प्रभाव है तो वे सोमवार को एक पटवारी हल्का मुख्यालय के तथा मंगलवार को दूसरे हल्का पटवारी मुख्यालय के ग्राम पंचायत भवन में उपस्थित रहेंगे।

समय सीमा में करें आवेदनों का निराकरण
पटवारी को ग्राम पंचायत भवन में उपस्थित रहकर भूमि संबंधित समस्याओं की जानकारी व आवेदन लेना होगा। जिन आवेदनों का निराकरण पंचायत भवन में ही संभव हो, ऐसे आवेदन का उसी दिन निराकरण करना होगा। अन्य आवेदनों का निराकरण सप्ताह के बचे हुए दिन में करना अनिवार्य होगा। जिन आवेदन को तहसील स्तर से हल किया जाना है, उन्हें नियत समय पर तहसीलदार को सौंपेंगे। वहीं इस आवेदनों को रजिस्टर में रिकॉर्ड करना होगा।

तहसीलदार करेंगे जांच  
यदि कोई पटवारी अपने मुख्यालय से नदारद रहता है तो इसके लिए जांच की जिम्मेदारी तहसीलदारों को दी गई है। पटवारियों को सोमवार व मंगलवार को अधिकारी भी किसी अन्य काम में नहीं लगा सकेंगे। अगर वह अपने मुख्यालय में सोमवार व मंगलवार को अनुपस्थित मिलेंगे तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आवेदनों का उसी दिन करें निराकरण  
गाईड लाईन के अनुसार अब कोई भी पटवारी अपने मुख्यालय से गायब नहीं रहेगा, जिन पटवारी का प्रभार अन्य हल्का नम्बर में है उनके लिए भी विशेष नियम निर्धारित किए गए हैं। शासन द्वारा जारी निर्देशों में साफ किया गया है कि जिन आवेदनों पर कार्रवाई पटवारी कार्यालय से संभव है उन आवेदनों का निराकरण उसी दिन किया जाना है।

जिलाध्यक्ष पटवारी संघ बोधिराम निषाद ने कहा कि हल्का मुख्यालय में भवन, फर्नीचर समेत अन्य सुविधाओं का अभाव है। इसकी जानकारी समय-समय पर शासन को दी जा रही है, बावजूद व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पा रही है। फिर भी पटवारी अभाव में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

विधायक दीपेश साहू ने कहा कि इस संबंध में लगातार शिकायत मिल रही है। ग्राम पतोरा के दौरे के दौरान ग्रामीणों ने हल्का पटवारी के गांव नहीं आने की शिकायत दर्ज कराई। जिस पर पटवारी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। आगामी दिनों में विधानसभा क्षेत्र के हल्का पटवारी की बैठक ली जाएगी।


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