बस्तर

ढाई वर्षों में 766 गुमशुदा के मामले दर्ज, 645 मिले, 121 अभी भी लापता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 8 जुलाई। छोटी-छोटी बातों पर घर छोडक़र या प्रेम-प्रसंग में फंसकर कई लोग बिना बताए घर से चले जाते हैं। जिसके बाद परिवार के लोग बच्चों को खोजने पुलिस की मदद लेते हैं। लेकिन ऐसे ही कुछ बच्चों को जहां कई परिवार अपना लेते हैं तो वहीं कई परिवार उनसे पूरी तरह से रिश्ता तोड़ लेते हैं। इन सबके अलावा लापता हुई लड़कियां अपना नाम भी बदल लेती हैं। जिससे पुलिस को उनको ढूंढने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सबके बावजूद भी बस्तर पुलिस इन्हें ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
बस्तर जिले के हर थाने में गुमशुदगी के कई मामले दर्ज किए जाते हैं, इसमें से कई मामले ऐसे भी हैं, जिनमें बस्तर पुलिस बाहर राज्य में जाकर गुमशुदाओं को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। गुमशुदाओं में अगर देखा जाए तो सबसे ज्यादा आंकड़ा महिलाओं का है।
कई मामलों में तो पुलिस अभी भी प्रयास में लगी हुई है, देखा जाए तो ढाई वर्षों में सैकड़ा के लगभग बालक, बालिका, महिला, पुरूष अभी भी ऐसे हैं, जिनकी पतासाजी में बस्तर पुलिस लगातार प्रयास कर रही है और जल्द से जल्द खोज निकालने की बात कही जा रही है। ढाई वर्षों में 766 गुमशुदा के मामले दर्ज हुए थे, जिसमें से 645 लोगों को खोजा जा चुका है, जबकि 121 लोग अभी भी लापता हैं।
विगत ढाई वर्षों का आंकड़ा देखा जाए तो वर्ष 2019 में 5 बालक, 71 बालिका, 60 पुरुष व 146 महिलाएं गुम होने का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें बस्तर पुलिस ने 4 बालक, 69 बालिका, 49 पुरुष व 132 महिलाओं को खोज निकाला, जिसमें 1 बालक, 2 बालिका, 11 पुरूष व 14 बालिकाओं की खोजबीन चल रही है।
वर्ष 2020 में 6 बालक, 78 बालिका, 66 पुरुष व 144 महिलाएं लापता हुई थी, जिसमें से बालक तो पूरे मिल गए थे, बालिका 76, पुरुष 57 व महिलाएं 122 थे, जिसमे 2 बालिका, 9 पुरुष व 22 महिलाओं की अभी भी खोजबीन जारी है।
वर्ष 2021 जून तक की बात करे तो बालक 3 , बालिका 49, पुरुष 36 व 102 महिलाएं गुम हुई, जिसमे 2 बालक, 39 बालिका, 20 पुरुष व 69 महिलाओं को खोज लिया गया, जिसमें से अभी भी 1 बालक, 10 बालिका, 16 पुरुष व 33 महिलाएं लापता हैं।
इन ढाई वर्षों में 766 गुमशुदा के मामले दर्ज हुए थे, जिसमें से 645 लोगों को खोजा जा चुका है, जबकि 121 लोग अभी भी गायब हैं, जिनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया है।
इन बचे हुए लापता लोगों को खोजने के लिए अभियान चल रहा है, लेकिन विगत 2 वर्षों से कोरोना के चलते अभियान को कुछ समय के लिए रुक गया था, लेकिन फिर से इस अभियान को वापस तेज किया जाएगा।
इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओपी शर्मा ने बताया कि गुमशुदाओं को खोजने के लिए थाना प्रभारी को फिर से आदेशित किया गया है।
उन्होंने बताया कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं जिसमें आरोपियों द्वारा युवतियों को बड़े-बड़े सपने व प्रलोभन देकर अन्य शहर ले जाकर दलालों के पास छोडक़र बंधक बना दिया जाता है। ऐसे अपराध मारडूम और दरभा थाने में दर्ज किए गए हैं।