बस्तर

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति का वार्षिक सम्मेलन का आयोजन करने के निर्देश
01-Apr-2021 9:13 PM
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति का वार्षिक सम्मेलन का आयोजन करने के निर्देश

   कमिश्नर ने संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को लिखा पत्र   

जगदलपुर, 1 अप्रैल । कमिश्नर  जी.आर. चुरेन्द्र ने आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों एवं लैम्पस समितियों का वार्षिक सम्मिलन शासन के निर्देश व समितियों के बायलाज के आधार पर करवाने के लिए संभाग के सभी जिला कलेक्टरों को पत्र के माध्यम से निर्देशित किए।

कमिश्नर श्री चुरेन्द्र ने कहा कि सहकारी समितियों के वार्षिक सम्मेलन नहीं होने के कारणों से किसानों को अपने खाताबही की जानकारी, किसानों को समितियों के सदस्यों के नाते लाभ-सुविधाएँ तथा शासकीय योजनाओं से होने वाले लाभ की जानकारी बैठक नहीं होने के अभाव में जानकारी नहीं मिलने से समितियों के प्रति अविश्वास की स्थिति बनती है अत: बस्तर संभाग अन्तर्गत सभी जिलों में उपरोक्त कमियों को दूर करने व व्यापक किसान हित को ध्यान में रखते हुय लैम्प्स समितियों, आदिम जाति सहकारी समितियों का वार्षिक सम्मेलन माह अप्रैल 2021 में किया जाना है। इस हेतु कृषि विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, जल संसाधन विभाग, राजस्व विभाग व अन्य विकास विभागों के अधिकारियों को लेकर प्रभारी अधिकारी बनाते हुये  कार्यवाही की जाए। समितियों का वार्षिक सम्मेलन में किसानों को मार्गदर्शन व जानकारी दिये जाने हेतु सहकारिता विभाग के साथ राजस्व विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग, वन विभाग आदि के क्षेत्रीय अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मेलन में उपस्थित कराया जाए।

कमिश्नर ने बैठक में किसानों की खाताबही संबंधी बैलेन्स शीट कम्प्यूटराईज किसानों को वितरित कराने कहा है साथ ही कोई किसान कालातीत ऋण न हो इसलिए कालातीत राशि के बारे में किसानों को जानकारी दें। किसानों का किसान केडिट कार्ड दिलाये जाने हेतु समस्त औपचारिकता पूर्ण कराने हेतु पहल करने कहा। उन्होंने कहा कि गोठान, गोधन न्याय योजना के तहत पैदा किये जा रहे जैविक खाद वर्मी कम्पोष्ट का लाभ-प्रक्रिया के बारे में किसानों को जानकारी देखते हुये उसे खरीदने उपयोग करने व किसानों को प्रेरित करने के लिए विशेष समझाईस दिया जाये। राजस्व विभाग के अन्तर्गत अविवादित नामांतरण बंटवारा के मामलों में किसानों को प्रेरित करने हेतु उन्हें तैयार किया जावे, पंचायत, ग्राम पदाधिकारियों के दायित्व बताने के साथ शासकीय भूमि की रक्षा करने संकल्प कराया जाए।


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