बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 6 जून। आज संभाग मुख्यालय राजीव भवन जगदलपुर में कांग्रेस ने प्रेसवार्ता का आयोजन किया, जिसे छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने संबोधित किया।
श्री मरकाम ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा सरकार 10 हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने जा रही है तथा 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त कर रही है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों विशेषकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे जगहों पर स्कूलों की कमी होगी, सरकार झूठ बोल रही कि स्कूल बंद नहीं होंगे। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में 57000 शिक्षकों की भर्ती का वादा किया था। सरकार बनने के बाद 33000 शिक्षक भर्ती की घोषणा, इस वर्ष बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की बात की गयी है अब 5000 शिक्षक भर्ती की घोषणा किये है, लेकिन यह शिक्षक भर्तियां नहीं करनी पड़े, इसलिये 45000 शिक्षक पद समाप्त किये जा रहे है। जब पद ही खाली नही रहेंगे तो भर्ती कहां से करेंगे?
पूर्व मंत्री मोहन मरकाम ने कहा भाजपा सरकार का युक्तियुक्तकरण करना शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है। 10 हजार स्कूलों के बंद होने से रसोईया, चौकीदार, भृत्य जैसे पद भी समाप्त होंगे हजारों लोगों के रोजगार के अवसर समाप्त होंगे। 10 हजार स्कूल बंद होना सरकार की विफलता है। जबकि शराब दुकान खुल रहा है और स्कूल बंद हो रहा है। सरकार को नयी शिक्षक भर्ती करना चाहिये। इस सरकार में शिक्षा की गुणवत्ता कमजोर हो गया है। यह सरकार शिक्षा व्यवस्था को पूरा चौपट कर दिया है।
श्री मरकाम ने आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए बताया शिक्षकों की नई भर्तियां न करनी पड़े इसलिए साय सरकार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है।सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने साय सरकार ने षड्यंत्र रचा है। साय सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढऩे वाले बच्चों पर पड़ेगा। नए सेटअप में प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एचएम को शिक्षकीय पद मानते हुए प्राइमरी में 30 और मिडिल में 35 बच्चों के बीच एक शिक्षा का सेटअप घोषित किया गया है। प्राथमिक शालाओं में पहली व दूसरी में तीन-तीन विषय एवं तीसरी, चौथी, पांचवी में चार-चार विषय के अनुसार कुल 18 विषय होते हैं, जिन्हें वर्तमान समय में तीन शिक्षकों को 40 मिनट का 6-6 कक्षा लेना होता है, अब युक्तियुक्तकरण के नए नियम के बाद दो ही शिक्षको के द्वारा 18 कक्षाओं को पढ़ाना कैसे संभव हो सकता है?मिडिल स्कूल में तीन क्लास और 6 सब्जेक्ट इस हिसाब से कुल 18 क्लास और 60 बच्चों की कुल संख्या में एचएम और उसके साथ केवल एकमात्र शिक्षक कैसे 18 क्लास ले पाएंगे?
इसके अतिरिक्त मध्यान भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर रहेगी।स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, स्लीपर और मध्यान भोजन बनाने वाली महिला, स्व सहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो जाएगा।शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पडऩा निश्चित है।इसके पहले भी रमन सरकार के समय भी 3000 स्कूलों को बंद किया गया था जिन्हे कांग्रेस की सरकार बनने के बाद फिर शुरु किया गया।भाजपा सरकार ने इतना बड़ा अव्यवहारिक निर्णय लेने से पहले ना प्रभावित वर्ग से चर्चा की, न ही प्रदेश के भविष्य के बारे में सोचा।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ो शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है, राज्य मे भाजपा की सरकार बनने के बाद एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं हुई है।युक्तियुक्तकरण से युवाओं के शिक्षक बनने का सपना भी टूट जायेगा।कांग्रेस पार्टी शिक्षा न्याय आंदोलन के तहत 5 जून से 10 जुलाई तक 10463 स्कूलों के बंद होने,शिक्षा अभ्यर्थियों के भविष्य को खतरे में डालने, हजारों शिक्षकों व नॉन टीचिंग स्टॉफ की नौकरियों व प्रमोशन को खतरे में डालने को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ़ 4 चरणों में प्रदेश भर में आंदोलन करेगी।
इस प्रेसवार्ता के दौरान ग्रामीण अध्यक्ष प्रेमशंकर शुक्ला,पूर्व विधायक रेखचंद जैन, पूर्व विधायक चंदन कश्यप,नेता प्रतिपक्ष राजेश चौधरी, उपनेता कोमल सेना, प्रभारी महामंत्री जाहिद हुसैन, सुभाष गुलाटी,ब्लॉक अध्यक्ष सहदेव नाग, राजेश राय, पार्षद बलराम यादव,महिला कांग्रेस शहर अध्यक्ष लता निषाद, ग्रामीण अध्यक्ष चंपा ठाकुर, प्रशांत जैन, असीम सुता,सुषमा सुता, महेश द्विवेदी,जस्टिन भवानी, शुभम यदु, ललिता राव, कमलेश पाठक, एस नीला, सायमा अशरफ,शादाब अहमद, खीरेंद यादव आदि मौजूद रहे।