बस्तर

जगदलपुर, 23 अप्रैल। कमिश्नर डोमन सिंह ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम ने प्रत्येक नागरिक को सरकारी संस्थाओं के निर्णयों और कामकाज की जानकारी तक पहुंच प्रदान कर शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित किया है। इस अधिनियम का उद्देश्य शासकीय कामकाज में पारदर्शिता लाने सहित शासन को जवाबदेह बनाना है। इस दिशा में सूचना प्रदान करने के लिए जनसूचना अधिकारियों की जिम्मेदारी के साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारियों का महत्वपूर्ण दायित्व है।
श्री सिंह बुधवार को कमिश्नर कार्यालय के सभागार में आयोजित सूचना का अधिकार के तहत संभाग स्तरीय जनसूचना अधिकारियों तथा प्रथम अपीलीय अधिकारियों की कार्यशाला को सम्बोधित करते आगे कहा कि जनसूचना अधिकारी जहां आवेदकों के आवेदन पर नियत समय-सीमा में उपलब्ध जानकारी प्रदान करने की कार्यवाही कर सकते हैं, वहीं अपीलीय अधिकारी अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी को सुनवाई का अवसर देकर सूचना प्रदाय में सहयोग प्रदान करते हैं। सूचना प्रदान करने के लिए निरंतर सजगता जरूरी है, ताकि आवेदक को निर्धारित समय-सीमा के भीतर जानकारी उपलब्ध करवाया जा सके।
कमिश्नर ने कार्यशाला में कहा कि जनसूचना अधिकारियों तथा प्रथम अपीलीय अधिकारियों का कार्यशाला और प्रशिक्षण स्वयं को जानकारी से अपडेट करने का अवसर है। जिसमें सूचना का अधिकार अधिनियम के नए एवं संशोधित प्रावधानों को जानने और समझने का मौका मिलता है। साथ ही शंकाओं का भी समाधान होता है।
उन्होंने अधिकारियों को अभिलेखों तथा नस्तियों का समुचित संधारण करने सहित सूचना प्रदाय के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का सतत रूप से मार्गदर्शन भी प्राप्त करने की समझाइश दी। इस दौरान छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मास्टर्स ट्रेनर्स श्री अतुल वर्मा ने कम्प्यूटर पॉवर पाइंट प्रस्तुति के माध्यम से सूचना का अधिकार अधिनियम के संशोधित प्रावधानों सहित ऑनलाइन सूचना प्रदाय, जानकारी उपलब्ध कराने के लिए निर्धारित शुल्क का भुगतान सहित जनसूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों के दायित्व इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही अधिनियम के मुख्य प्रावधानों की बारीकीयों से अवगत कराया। वहीं जनसूचना अधिकारियों और प्रथम अपीलीय अधिकारियों के शंकाओं का समाधान किया गया।
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर बीएस सिदार एवं आरती वासनिक और विभिन्न विभागों के संभाग स्तरीय जनसूचना अधिकारियों सहित प्रथम अपीलीय अधिकारी मौजूद रहे।