बस्तर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जगदलपुर, 28 मार्च। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, उत्तर मध्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र द्वारा ‘स्थायी भूजल प्रबंधन एवं संरक्षण’ विषय पर एक दिवसीय तृतीय स्तरीय प्रशिक्षण एवं जन संवाद कार्यक्रम का सफल आयोजन 26 मार्च को जिला पंचायत सभागार, जगदलपुर में किया गया।
केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, उत्तर मध्य छत्तीसगढ़ क्षेत्र द्वारा आयोजित ‘स्थायी भूजल प्रबंधन एवं संरक्षण’ विषयक तृतीय स्तरीय प्रशिक्षण एवं जन संवाद कार्यक्रम 26 मार्च को जिला पंचायत सभागार, जगदलपुर में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रतीक जैन (आईएएस) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विशेष संदर्भ में हाइड्रोजियोलॉजी, फ्लोरोसिस से निपटने के उपचारात्मक उपाय, जगदलपुर जिले में नैक्चिम अध्ययन और भूजल बजटिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए गए। इसके अतिरिक्त, भूजल अन्वेषण के लिए भूभौतिकीय तकनीकों पर फील्ड प्रदर्शन भी किया गया।
क्षेत्रीय निदेशक डॉ. प्रबीर कुमार नायक ने अपने व्याख्यान में बताया कि लगभग 80त्न भूजल का उपयोग सिंचाई के लिए, 12त्न पेयजल एवं घरेलू उपयोग के लिए तथा शेष 8त्न उद्योग, खनन और अन्य कार्यों के लिए किया जाता है।
उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि छत्तीसगढ़ में भूजल स्तर में गिरावट का मुख्य कारण भूजल से धान की खेती है। उन्होंने बताया कि सभी उद्योग, खनन और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को केंद्रीय भूजल प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है।
डॉ. नायक ने कहा, हजारों लोग बिना प्यार के जी सकते हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति बिना पानी के नहीं। जल संकट का समाधान उचित नीति, लोगों और व्यवहारगत परिवर्तनों द्वारा किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय भूमि जल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशालय ने नियानार में प्रदर्शनात्मक वर्षा जल संचयन संरचना (क्रञ्जक्रङ्ख॥) के रूप में रिचार्ज कुएं के निर्माण की पहल की है। यह पहल भूजल संरक्षण और वर्षा जल संचयन के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे स्थानीय स्तर पर भूजल स्तर में सुधार होगा और जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
कार्यक्रम में स्थानीय भूजल संबंधित मुद्दों और उनके समाधान पर विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर आम जनता, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि, किसान और भूजल संरक्षण से जुड़े विभिन्न हितधारकों ने भाग लिया।
डॉ. नायक ने कहा, भूजल संरक्षण और प्रबंधन आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हमने भूजल संरक्षण की नवीनतम तकनीकों और पद्धतियों के बारे में जानकारी प्रदान की, जिससे स्थानीय समुदायों को अपने जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन में मदद मिलेगी।
नियानार में रिचार्ज कुएं का निर्माण वर्षा जल संचयन के लिए एक मॉडल परियोजना के रूप में कार्य करेगा, जिसे अन्य क्षेत्रों में भी दोहराया जा सकता है। यह पहल ‘जल शक्ति अभियान’ और ‘जल जीवन मिशन’ के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य देश भर में जल संरक्षण और प्रबंधन को बढ़ावा देना है।