बस्तर

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलना मोदी सरकार की कुंठित और संकीर्ण मानसिकता का परिचायक-जावेद
06-Aug-2021 9:21 PM
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलना मोदी सरकार की कुंठित और संकीर्ण मानसिकता का परिचायक-जावेद

जगदलपुर, 6 अगस्त। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलना मोदी सरकार की कुंठित और संकीर्ण मानसिकता का परिचायक है,  उक्त बातें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी खेलकूद प्रकोष्ठ के शहर जिला अध्यक्ष जावेद खान ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कही है।

जावेद ने कहा है कि जिस व्यक्ति ने देश की एकता अखंडता के लिये अपना जीवन बलिदान किया, जिस व्यक्ति ने देश में पंचायती राज व्यवस्था को शशक्त किया,जिस व्यक्ति ने युवाओं के मताधिकार की आयु सीमा को कम किया, जिस व्यक्ति ने देश में कंप्यूटर क्रांति लेकर आई,जिस व्यक्ति ने देश में दूरसंचार क्रांति लेकर आई ऐसे महान शहीद स्वर्गीय राजीवगांधी जी के नाम से दिये जाने वाले खेल रत्न का नाम बदलना प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार की कुंठित और संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।

जिस भाजपा के किसी भी नेता ने देश की आजादी से ले कर उसके नवनिर्माण में देश की एकता अखंडता के लिए उंगली भी न कटाई हो, ऐसे दल के नेता बलिदान और शहादत का अर्थ क्या समझेंगे और और राजनीतिक द्वेष ही इन्हें ले डूबेगा।

आगे कहा कि नरेंद्र मोदी और भाजपा जान ले किसी की लाइन मिटाने से उनकी अथवा उनके दल की लाइन लम्बी नही होने वाली। कांग्रेस और गाँधीपरिवार ने देश सेवा की इतनी लम्बी लकीर अपने खून से देश के लोगो के दिलो दिमाग मे खींची है जिसे भाजपा के लोग कितनी भी कोशिश कर ले मिटा नहीं सकते ।

कांग्रेस खेलकूद प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष जावेद खान ने कहा कि मोदी और उनकी सरकार की नीयत में खोट नहीं होता तो मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल का कोई दूसरा पुरस्कार घोषित कर सकते थे। 41 वर्ष के बाद भारत ने हाकी में ऑलम्पिक में कोई मेडल जीता है उसकी याद अक्षुण रखने के लिए मेजर ध्यांचन के नाम पर कोई पुरस्कार शुरू किया जा सकता था। मोदी सरकार की नीयत मेजर ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार बांटने की नहीं है अपितु स्व राजीवगांधी के नाम से दिया जाने वाले पुरस्कार का नाम बदलना है। मोदी और उनकी सरकार की मेजर ध्यांचन के प्रति इतनी ही श्रद्धा थी तो मोदी सरकार को बने 7 साल हो गए, उनको भारत रत्न देने की घोषणा क्यों नहीं किया गया ?

जावेद ने कहा कि मोदी सरकार ने स्व. राजीव गांधी के नाम से दिए जाने वाले पुरस्कार को बदल कर एक नई राजनैतिक परिपाटी की शुरुआत की है इसका परिणाम कालांतर में उन भाजपाई और संघी महापुरुषों के साथ भी होगा जिनका देश की आजादी में देश के नवनिर्माण में रंच मात्र भी योगदान नही है सिर्फ संघ और भाजपा के नेता होने के कारण देश भर में भाजपाई सरकारो ने उनकी मूर्तिया लगाई है उनके नाम से योजनाएं शुरू की है ।लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन शील होती है और राजनैतिक निर्णय आने वाली सरकारों के लिए नजीर।


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