बलरामपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलरामपुर, 6 सितम्बर। आदि कर्मयोगी अभियान के तहत लाइवलीहुड कॉलेज भेलवाडीह में चल रहे डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब प्रशिक्षण में शुक्रवार को कृषि मंत्री रामविचार नेताम शामिल हुए।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरामुनी निकुंज, उपाध्यक्ष धीरज सिंह देव, जनपद अध्यक्ष सुमित्रा चेरवा, अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर राजेन्द्र कटारा, पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर और जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मंत्री श्री नेताम ने स्वेच्छानुदान अंतर्गत 3 लाभार्थियों को 5 लाख 50 हजार रुपये की राशि का चेक भी प्रदान किया।
कृषि मंत्री श्री नेताम ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विजन वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है।
इस दिशा में सबका साथ, सबका विकास की भावना के साथ सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर विभिन्न विकास योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस विजऩ को साकार करने के लिए जिलों और ब्लॉकों में निवासरत जनजातीय समुदायों को आगे बढ़ाना अनिवार्य है। इसी उद्देश्य से भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर धरती आबा जनजातीय उत्कर्ष ग्राम अभियान की शुरुआत की गई, जिसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का विस्तार किया गया। उसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए आदि कर्मयोगी अभियान की शुरुआत की गई है।
श्री नेताम ने बताया कि अभियान की शुरुआत प्रदेश स्तर से हुई, जहाँ चयनित प्रतिनिधियों को भोपाल में प्रशिक्षण दिया गया।
इसके बाद जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया गया और अब यह प्रक्रिया ग्राम स्तर तक पहुँच रही है।
प्रशिक्षित ब्लॉक मास्टर ट्रेनर ग्राम पंचायत स्तर पर आदि सहयोगी एवं आदि साथी को ग्राम विकास की रूपरेखा तैयार करने के लिए प्रशिक्षित करेंगे।
उन्होंने कहा कि तीन स्तर का कैडर इस अभियान की आधारशिला है। इसके माध्यम से न केवल योजनाओं की सतत निगरानी होगी, बल्कि ग्राम स्तर पर उनका सही क्रियान्वयन भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि सभी की सहभागिता से यह अभियान पूरी तरह सफल होगा। मंत्री श्री नेताम ने चयनित सभी ब्लॉक मास्टर ट्रेनर्स को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कलेक्टर राजेन्द्र कटारा ने अभियान की संक्षिप्त जानकारी देजे हुए बताया कि आदि कर्मयोगी अभियान वास्तव में जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में संचालित योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का एक परिवर्तनकारी प्रयास है। उन्होंने बताया कि इस अभियान की सबसे बड़ी खासियत इसका त्रिस्तरीय कैडर है। पहले स्तर पर आदि कर्मयोगी हैं, जिनमें विभिन्न विभागों के सरकारी अधिकारी शामिल हैं। दूसरे स्तर पर आदि सहयोगी रखे गए हैं, जो युवा नेता, शिक्षक, डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता जैसे जागरूक और सक्रिय लोग होंगे। तीसरे स्तर पर आदि साथी होंगे, जिनमें आदिवासी नेता और स्वयं सहायता समूह के सदस्य शामिल हैं।
कलेक्टर ने कहा कि इन तीनों स्तरों की संरचना से न केवल योजनाओं की निगरानी और क्रियान्वयन सुदृढ़ होगा, बल्कि शासन की पूरी प्रक्रिया में आदिवासी समुदाय की सक्रिय भागीदारी भी सुनिश्चित होगी। कलेक्टर ने बताया कि बलरामपुर जिले के 421 जनजातीय बाहुल्य ग्राम अभियान में शामिल किए गए हैं। राज्य और जिला स्तर पर प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया गया है तथा 4 से 6 सितंबर तक डिस्ट्रिक्ट प्रोसेस लैब आयोजित की जा रही है, जिसमें ब्लॉक मास्टर ट्रेनरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके पश्चात विकासखंड स्तर पर एक दिवसीय ब्लॉक ओरिएंटेशन होगा, जिसमें सभी विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि अभियान से जोड़े जाएंगे। इसके बाद प्रत्येक ग्राम से चयनित आदि सहयोगी और आदि साथी को क्लस्टर स्तर पर विलेज एक्शन प्लान बनाने हेतु प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आदि सेवा पर्व का आयोजन किया जाएगा। इस अवधि में आदि कर्मयोगी, आदि सहयोगी और आदि साथी की सहभागिता से ग्राम स्तर पर विकास योजनाएँ तैयार की जाएगी।