बलौदा बाजार

बकरा-भात की दावत नहीं तो वेतन नहीं
06-Jul-2021 9:00 PM
बकरा-भात की दावत नहीं तो वेतन नहीं

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार,  6 जुलाई।
जिले के कसडोल ब्लॉक में बयां गांव के सरकारी स्कूल की एक टीचर को इसलिए वेतन नहीं मिल रहा क्योंकि वह अपने अफसरों को घूस देकर खुश नहीं कर पा रही है। तरह-तरह के नियमों का हवाला देकर 8 माह से शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया। मानसिक रूप से परेशान इस शिक्षिका ने कई जगह पर अफसरों की मनमानी की शिकायत भी की मगर अब तक इसके साथ न्याय करने कोई आगे नहीं आया। 

रीना ने आरोप लगाया कि अफसर व कर्मी कहते हैं कि बकरा भात मीट और चावल की दावत दो तो तुम्हारा काम करूंगा। रीना ने बताया कि पिछले 8 महीने से सरकारी नौकरी होने के बाद भी मुफ्त में ही बच्चे को पढ़ा रही हूं मुझे वेतन नहीं दिया जा रहा। यह हालात तब से है जब से 2020 नवंबर के महीने में मेरा शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है। 

ज्यादा पूछने पर जान से मारने की धमकी
रीना ने बताया कि शुरुआत में उनके नाम की गड़बड़ी बताकर वेतन रोक का गया। रीना शादी से पहले उर्वाशा सरनेम लिखती थी लेकिन शादी के बाद वे अब ठाकुर लिख रही है इस को आधार बनाकर अफसर परेशान कर रहे हैं। ब्लॉक एजुकेशन अफसर के दफ्तर जाकर नाम की त्रुटि को सुधार लिया। तब भी वेतन नहीं दिया। रीना ने आरोप लगाया कि कर्मी ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी इन इन घटनाओं की वजह से वह मानसिक रूप से परेशान हैं लोक शिक्षा संचालनालय में भी शिकायत दे चुकी है मगर उन्हें वेतन नहीं मिला है 

सीएम से शिक्षक संघ करेंगे शिकायत
शिक्षक संघ के नेता विवेक दुबे ने कहा कि डीईओ इस मामले में पूरी तरह से दोषी है और वही जानबूझकर महिला कर्मचारी को परेशान कर रहे हैं इस प्रकार के प्रकरणों में संचालक डीपीआई ने जो निराकरण किया था उससे संबंधित समस्त जानकारी उनको पहले ही मैं खुद उपलब्ध करा दी थी इसके अतिरिक्त जिला कोषालय अधिकारी से भी मेरी बात हुई और उन्होंने भी कोषालय में बिल पास करने को निर्देशित किया है लेकिन प्राचार्य के जानबूझकर भी लगाया ही नहीं है और अनावश्यक रूप से महिला शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं हम इस मामले की शिकायत कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक करेंगे।
 


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