बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 6 जुलाई। गत कई दशकों से कम ऊंचाई की वजह से बरसात के दिनों में लोगों के लिए आफत बनने वाले जिले के दर्जनों ग्रामीण इलाकों के पुल-पुलिया तथा नालों पर नवीन पुल निर्माण ना हो पाने की वजह से इस वर्ष बरसात के दिनों में फिर से लोगों को अधिक बारिश होते ही अपने-अपने ग्राम, ब्लाक मुख्यालयों में कैद होना पड़ सकता है। जिले में दशकों से मांग किए जाने के बावजूद पर्याप्त पुल-पुलियों का निर्माण ना होने की वजह से बरसात आते ही फिर से दर्जनों ग्रामों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटने की नौबत आ सकती है।
प्रतिवर्ष अधिक बारिश होते ही जिले के पुल पुलियों की कम ऊंचाई की वजह से हो रही समस्या से क्षेत्रवासियों को परेशान होना पड़ता है। साल भर सूखे रहने वाले खोरसी नाला, जमनैया नाला तथा मल्लिन नाला जैसे बरसाती नाले बरसात के दिनों में लोगों के लिए आफत बन जाते हैं। अधिक बारिश होने पर इन बरसाती नालों में तेज बाढ़ रहती है तथा पुल के ऊपर पांच से छह फीट पानी होने की वजह से बलौदा बाजार के साथ ही साथ इन नालों किनारे के चिचोली, पहंदा, रमदैया, बुडग़हन, करमदा, धंवई, हलवाई खपरी, मगरचबा, लछनपुर जैसे दर्जनों ग्रामों का संपर्क कट जाता है तथा आसपास के ग्रामीण इलाकों के 50 हजार से अधिक लोगों को परेशान होना पड़ा है। बरसाती नालों के उफान की वजह से लोगों को आपातकालीन स्थिति, पेट्रोल, रसोई गैस, दवा, समाचार पत्र, सब्जी, फल कोरियर आदि आवश्यक वस्तुओं के लिए कई-कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है।
दो छोटे पुल की वजह से बिलासपुर मार्ग बंद
बलौदा बाजार से व्हाया लटुवा बिलासपुर रोड पर ग्राम लटुवा के पास का झोंका नाला पुल, ग्राम रमदैया विकासखंड भाटापारा पर जमनैया नाला का पुल बेहद नीचे है जिसकी वजह से बरसात में यह डूब जाता है। इन दोनों पुल के डूबने से बिलासपुर मार्ग भी पूरी तरह से बंद हो जाता है, जिससे आसपास के ग्रामीण इलाकों की लगभग 25 से 30 हजार की आबादी प्रभावित होती है तथा लोगों को बेवजह 25-30 किमी का अतिरिक्त दूरी तय कर व्हाया भाटापारा या व्हाया जोंधरा घाट से मस्तूरी होते हुए बिलासपुर जाना पड़ता है। आश्चर्यजनक तथ्य है कि छोटा पुल होने के बावजूद क्षेत्र के किसी जनप्रतिनिधि ने आज तक इन दोनों पुल के नवीन निर्माण की पहल नहीं की है। ग्रामीण इलाकों के छोटे पुल पुलियों के बरसात के दिनों में बाढ़ में डूबे होने की वजह से जिले के 50 से अधिक ग्राम पूरी तरह से ब्लाक मुख्यालय से कट जाते हैं। बीते दो दिनों की बारिश होते ही कसडोल से पिथौरा मार्ग असनींद नाले में अधिक पानी होने की वजह से बंद हो गया है, वहीं कई अन्य पुल पुलिया भी बारिश होते ही डूब चुके हैं।