बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 6 जुलाई। बीती रात भटगांव-सरसींवा मुख्य मार्ग धोबनीडीह में सडक़ पर बैठे 11 मवेशियों को अज्ञात ट्रक ने कुचल दिया। आज सुबह लोगों ने लहूलुहान मृत मवेशियों को देखकर नगर पंचायत अफसरों, कर्मियों व ग्रामीणों को सूचना दी। इसके बाद मृत मवेशियों को हटाया गया।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार आवारा मवेशियों को एक जगह रखने के लिए रोका-छेका योजना चला रही है, फिर भी योजना सफल होते नजर नहीं आ रही है। बरसात के दिनों में लोग अपने मवेशियों को खुला छोड़ रहे हैं।
ग्रामीणों से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि शासन द्वारा कहीं-कहीं गौठान का निर्माण कराया गया, फिर भी यह योजना सफल होते नहीं दिख रही है। आवारा मवेशी सडक़ पर झुंड में बैठे नजर आते हैं, इससे राहगीरों को दुर्घटना का भय बना रहता है। ग्रामीणों ने आवारा मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर व्यवस्था करने की मांग शासन-प्रशासन से की है।
छत्तीसगढ़ में पुरानी परंपरा रही है। जैसे ही बरसात के मौसम में किसान खेती की शुरुआत करते हैं, उस वक्त मवेशी खेतों को नुकसान न पहुंचाए, इसलिए उन्हें घरों में ही बांधकर रखा जाता है, इसे रोका-छेका कहा जाता है। इसी परंपरा को कायम रखते हुए एक जुलाई से रोका-छेका अभियान शुरुआत की गई है। इसके तहत भटगांव नगर पंचायत व क्षेत्र के ग्रामीण अंचल की पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह सडक़ पर मौजूद मवेशियों को गोठान तक पहुंचाएं, साथ ही मवेशियों के मालिकों से एक शपथ पत्र भरवाया जा रहा है जिसमें वे अपने मवेशियों को घर में रखने पर सहमति दिए हैं। कहने को तो योजना जारी है लेकिन इसका असर अभी भी दिखाई नहीं पड़ रहा है, वहीं सडक़ों और खेतों में अभी भी हर ओर मवेशियां जमे हुए हैं।
गौठान के लिए मांगी है जमीन
मुख्य नगर पंचायत अधिकारी भटगांव प्रदीप मिश्रा का कहना है कि रोका-छेका के तहत अभी वर्तमान में गौठान के लिए जमीन की मांग की गई है, जो अभी पेंडिंग है और हम अपने कर्मचारियों को लगाकर रोड किनारे जो पशु बैठे करते हैं, उसे हटवा रहे हैं, साथ ही जो नियम हैं, उनके तहत हम काम कर रहे हैं।