बलौदा बाजार

इलेक्ट्रिकल सेफ्टी में फर्जी प्रमाणपत्र का खेल
28-Jun-2021 5:33 PM
इलेक्ट्रिकल सेफ्टी में फर्जी प्रमाणपत्र का खेल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदा बाजार, 28 जून।
इलाके में स्थापित कुछ सीमेंट संयंत्रों और उद्योगों द्वारा केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण अधिनियम 2010 एवं छत्तीसगढ़ अनुज्ञापन मंडल विद्युत 19 सौ 60 के विनियम 29 एवं भारतीय विद्युत नियम 1956 के नियम 45 का उल्लंघन कर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। 

औद्योगिक इलाकों में विद्युत स्थापना कार्य के लिए (अ) वर्ग विद्युत ठेकेदार पर्यवेक्षक एवं तार मिस्त्री का होना जरूरी है। कुछ संयंत्रों द्वारा ऐसे पर्यवेक्षकों के स्थान पर शासकीय कर्मचारियों अथवा अन्य संस्थानों में कार्यरत पर्यवेक्षकों को और तार मिस्त्री के सर्टिफिकेट का उपयोग किया जा रहा है, यही नहीं इससे भी बड़ा गफलत करते हुए पर्यवेक्षकों का जाली दस्तखत कर संस्थानों में किए गए विद्युत स्थापना कार्यों की फर्जी टेस्ट रिपोर्ट बनाकर संबंधित शासकीय विभागों में संलग्न किया जा रहा है। जिम्मेदार शासकीय ऑनलाइन तथ्यों से अवगत होने के बाद भी ऐसे संयंत्रों पर कोई कार्यवाही नहीं कर पा रहा है, वहीं इन सुरक्षा नियमों की अनदेखी के चलते औद्योगिक इलाकों में कई बार गंभीर दुर्घटना भी घटित हो चुकी है, परंतु रसूखदार संयंत्रों को केवल नोटिस देकर ही खानापूर्ति किया जाता रहता है।

विद्युत इंजीनियर के मामले में भी यही खेल 
यही नहीं केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण विनियम एवं राज्य विद्युत प्राधिकरण विनियम 2010 के विनियम पांच व छह के अनुसार विद्युत स्थापना केंद्रों की सुरक्षा एवं रखरखाव हेतु जिन संस्थानों में 250 किलोवाट से ज्यादा का भार कनेक्ट हो, उनमें 1 डिग्री धारी विद्युत इंजीनियर होना जरूरी है, जिसका अनुभव 10 वर्षों का अथवा विद्युत में डिप्लोमा के साथ 15 वर्ष का अनुभव अनिवार्य है। इस प्रकार 10 केवीए से ऊपर के लोड या डीजी सेट किसी भी संस्था में स्थापित होने पर उनके रखरखाव हेतु राज्य सरकार द्वारा परमिट हथवा अनुज्ञा पत्र धारी तार मिस्त्री की नियुक्ति भी अनिवार्य है। कुछ संस्थानों में इसका भी उल्लंघन कर इलेक्ट्रिक इंजीनियर या तार मिस्त्री के फर्जी नियुक्ति प्रमाण पत्र घोषणा पत्र सर्टिफिकेट की फोटो कॉपी का उपयोग कर एक संस्थान के विद्युत टेस्ट रिपोर्ट के अलावा दूसरे संस्थान के विद्युत स्थापना टेस्ट कार्य एवं में संलग्न कर विद्युत चार्जिंग अनुमति आदेश प्राप्त किया है अथवा कराया जा रहा है, यह विद्युत सुरक्षा मानकों के साथ खिलवाड़ है।

फर्जीवाड़े की शिकायत भी 
इस संबंध में कुछ तकनीकी विद्युत विद्युत भी नियमों के जानकार व्यक्तियों द्वारा पूरे मामले को लेकर चीफ इलेक्ट्रिकल सेफ्टी छत्तीसगढ़ शासन इंद्रावती भवन नया रायपुर में शिकायत भी किया गया है, इसमें जांच लंबित हैं।

रोजगार का मौका भी छीना 
दस्तावेज का फर्जीवाड़ा करने की जगह अगर वास्तव में इन पदों पर संस्थानों द्वारा यदि योग्य व्यक्तियों को नियुक्ति प्रदान किया जाता है तो दोहरे नियोजन का बाजार बंद होने के साथ ही डिग्री डिप्लोमा एवं राज्य सरकार द्वारा परमिट तार मिस्त्रीयों को सैकड़ों की संख्या में रोजगार प्राप्त हो सकता है, साथ ही प्लांट में आए दिन होने वाले हादसों को भी रोका जा सकता है।

शिकायत मिली है-विधायक
सीमेंट यंत्रों में इलेक्ट्रिकल सेफ्टी के साथ खिलवाड़ के संबंध में विधायक प्रमोद शर्मा का कहना है कि कुछ ऐसा संयंत्रों में इलेक्ट्रिकल सेफ्टी कार्य हेतु इंजीनियर व रखरखाव कार्य हेतु लाइनमैन में फर्जी प्रमाण पत्र के माध्यम से अन्य व्यक्तियों के द्वारा कार्य किए जाने की जानकारी उन्हें भी मिली है, इसमें ठेकेदारों के अलावा संयंत्र प्रबंधन की भी मिलीभगत है। यह संयंत्र में कार्य करने वाले अन्य व्यक्तियों की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है।
 


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