बलौदा बाजार

तीसरी लहर की आशंका लेकिन डॉक्टर अभी तक प्रशिक्षित नहीं
08-Jun-2021 5:09 PM
तीसरी लहर की आशंका लेकिन डॉक्टर अभी तक प्रशिक्षित नहीं

डॉक्टरों को भी जल्द दिलाएंगे प्रशिक्षण- सीएमएचओ

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 8 जून।
बलौदाबाजार कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है, लेकिन तीसरी लहर की चर्चाएं शुरू हो गई है। तीसरी लहर कब आएगी इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। डॉक्टरों के अनुसार इस लहर से निपटने के लिए मैन पावर एक बड़ा अहम रोल अदा कर सकता है। 

कोरोना महामारी की जिस वक्त शुरुआत हुई तो सबके लिए एक अनोखा अनुभव था। पहली लहर में मास्क, सैनिटाइजर आदि की किल्लत देखने को मिली। दूसरी लहर में ऑक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में बेड की भारी किल्लत हुई, जिसके कारण कई लोगों को जान गंवानी पड़ी। तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की बात कही जा रही है, लेकिन जिले में डब्ल्यूएचओ के मापदंडों को देखा जाए तो डॉक्टरों की भारी कमी है। जिले में बच्चों के 55 से 60 ही डॉक्टर हैं। हालांकि ने जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं कि तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए अभी से प्रभावी कदम उठाएं। जिला अस्पताल में बच्चों के उपचार की व्यवस्थाएं कर ली गई है।

बलौदाबाजार जिले में चिकित्सा के क्षेत्र में मेन पावर की बहुत कमी है। अगर डब्ल्यूएचओ के नियम अनुसार देखा जाए तो 1000 बच्चों के लिए एक डॉक्टर का होना आवश्यक है, जबकि बलौदाबाजार जिले में लगभग पौने 4 लाख बच्चों की आबादी है। ऐसे में कम से कम 370 से 400 डॉक्टर होने चाहिए थे, मगर जिले मे कुल 55 से 60 डॉक्टर ही कार्यरत हैं। उनमें भी जिला अस्पताल में बच्चों के सिर्फ 3 डॉक्टर है, जबकि 1 चाइल्ड स्पेशलिस्ट बिलाईगढ़ में है, जिनको चिकित्सालय प्रशासन पर्याप्त मान रहा है। इस प्रकार यहां एक लाख बच्चों पर एक ही डॉक्टर है।

तीसरी लहर बच्चों पर भारी पडऩे की आशंका
देश में कोरोना की तीसरी लहर बच्चों पर भारी पडऩे की आशंका जताई जा रही है। हालांकि चिकित्सा विभाग इस लहर को देखते हुए अपने संसाधनों को जुटाने में पूरी तरह लगा हुआ है, लेकिन अभी तक चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षित नहीं किया गया है। इससे आगामी समय में परेशानी हो सकती है। इस लहर से निपटने के लिए समय रहते डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी प्रशिक्षित हो जाए तो उस समय संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को देखते हुए जिले में चिकित्सा व्यवस्था पुख्ता कर दी गई है। जिले के शासकीय अस्पतालों में 4 बच्चो के डॉक्टर हैं तथा 55 अन्य डॉक्टर हैं। कुछ डॉक्टरों को इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
 


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