बलौदा बाजार

हाईकोर्ट ने शासन-प्रशासन को दिया रकबा बढ़ाने का आदेश
20-Jan-2021 5:10 PM
हाईकोर्ट ने शासन-प्रशासन को दिया रकबा बढ़ाने का आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सरसीवां, 20 जनवरी।
सरसीवां के किसान ने पंजीयन रकबा नहीं सुधारने पर हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने शासन एवं प्रशासन को रकबा में सुधार कर बढ़ाने के आदेश दिया है। 
हाईकोर्ट ने सरसीवां के किसान प्रदीप खंडेलवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को आदेश दिया है कि वह वर्तमान में की जा रही धान खरीदी से संबंधित सभी आवेदनों पर तत्काल सुनवाई कर निराकरण करें। मामले की सुनवाई जस्टिस गौतम भादुड़ी की एकल पीठ में हुई।

 गौरतलब है कि सरसीवां के किसान प्रदीप खंडेलवाल ने हाइकोर्ट में अधिवक्ता आलोक कुमार दुबे एवं सुप्रिया उपासने दुबे के माध्यम से याचिका दायर की थी कि उनकी कृषि भूमि ग्राम सरसीवां और कोदवा में स्थित है जिसमें प्रति वर्ष धान की उपज सहकारी समिति सरसीवां में पंजीयन के अनुसार समर्थन मूल्य पर बेचते आ रहे थे, किंतु इस वर्ष मात्र ग्राम कोदवा के रकबा को पंजीकृत कर दूसरे गांव सरसीवां की भूमि के पंजीयन को काट दिया गया। 

इस वर्ष इसी तरह गांव के सैकड़ों किसानों का रकबा में काट-छांट किया गया है। किसानों का रकबा कम कर दिए जाने से किसान आक्रोशित हंै, अभी तक किसानों के रकबा में सुधार नहीं हुआ है, जबकि अंचल के सैकड़ों किसान शासन-प्रशासन एवं सहकारी समिति से शिकायत करते हुए थक गए। किसानों की समस्याओं का निराकरण अभी तक नहीं हुआ है, जबकि समर्थन मूल्य पर खरीदी का समय सिर्फ 15 दिन ही शेष बचा है, वहीं समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर कृषक प्रदीप खंडेलवाल ने अदालत की शरण ली, जहां हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन पर तत्काल सुनवाई कर शासन प्रशासन को आगे की करवाई कर रकबा में सुधार कर पंजीकृत करने का आदेश दिया है।

श्री खंडेलवाल ने बताया कि उसकी 0.227 हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन हुआ है तथा 4.602 हेक्टेयर कृषि भूमि का पंजीयन नहीं हुआ है, जिसके कारण से धान का फसल घर पर ही पड़ा हुआ है।
 


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