बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 28 नवंबर। नांदघाट से भाटापारा तथा बलौदाबाजार-कसडोल मार्ग की लंबाई कुल 91.228 किलोमीटर है। इस मार्ग के निर्माण के बाद से कई स्थानों पर सडक़ उखडऩे और बीच से दबने की स्थिति सामने आई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बलौदाबाजार से भाटापारा के बीच लगभग 22 किलोमीटर मार्ग ऐसे हिस्सों में बदल गया है, जहां सडक़ का ढाल नालीनुमा रूप ले चुका है।
दिल्ली से आई जांच टीम ने भी इस मार्ग के एक हिस्से में निर्माण संबंधी अनियमितताओं की पुष्टि की थी और बलौदाबाजार-भाटापारा खंड को उखाडक़र पुनर्निर्माण के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभाग और ठेकेदार द्वारा मरम्मत कार्य कराया गया, लेकिन वर्तमान स्थिति को लेकर क्षेत्र में फिर से असंतोष व्यक्त किया जा रहा है।
निर्माण के छह माह बाद ही खराबी
नांदघाट से गिधौरी तक 91.228 किलोमीटर सडक़ का निर्माण लगभग 223 करोड़ रुपये की लागत से कराया गया था। जानकारी के अनुसार, निर्माण के कुछ समय बाद ही बलौदाबाजार-भाटापारा मार्ग का लगभग 22 किलोमीटर हिस्सा किनारों से दबने लगा, जिससे सडक़ की सतह गहरी होती गई। बारिश के समय इन हिस्सों में पानी भर जाने से मार्ग की गहराई का अनुमान लगाना कठिन हो जाता है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ती है।
मीडिया में लगातार समाचार प्रकाशित होने के बाद 2019 में जांच टीम ने गुणवत्ता परीक्षण कर स्थिति स्पष्ट की थी। मरम्मत के बाद भी कुछ हिस्सों में सडक़ की स्थिति पूर्ववत होने की शिकायतें आ रही हैं।
अन्य हिस्सों की स्थिति
बलौदाबाजार-गिधौरी मार्ग के कई हिस्सों में भी सडक़ उखडऩे और किनारों से कटाव की स्थिति पाई जा रही है। पर्याप्त भराव न होने के कारण सडक़ किनारे कटाव बढऩे का खतरा बताया जा रहा है।
वार्षिक संधारण मद और स्थानीय शिकायतें
एडीबी द्वारा निर्मित इस मार्ग की मरम्मत लोक निर्माण विभाग द्वारा वार्षिक संधारण निधि से की जाती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कई स्थानों पर केवल पैचवर्क किया जाता है, जिससे स्थायी सुधार नहीं हो पाता।
बलौदाबाजार के कुकुरडीह बायपास से भाटापारा तक भारी वाहनों के आवागमन और निर्माण के दौरान हुई कमियों के चलते सडक़ बीच से दबने की शिकायतें बनी हुई हैं। अंबुजा माइंस पुल क्षेत्र और अंबुजा विद्यापीठ के सामने भी सडक़ के हिस्से गहराई में चले गए हैं। इस मार्ग से प्रशासनिक अधिकारी और कई जनप्रतिनिधि भी आवागमन करते हैं, फिर भी सुधार कार्य नहीं शुरू होने की बात सामने आ रही है।
बाइक और छोटे वाहनों के चालकों को इस मार्ग पर संतुलन बनाने में कठिनाई हो रही है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी हुई है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि मार्ग को समतल नहीं किया गया, तो भविष्य में और दुर्घटनाएं हो सकती हैं।


