बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 27 नवंबर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवम् अब्दुल जाहिद कुरैशी, प्रधान जिला न्यायाधीश अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार के निर्देशन में सचिव अमिता जायसवाल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार द्वारा 26 नवंबर को संविधान दिवस पर विधिक जागरूकता का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सर्वप्रथम जिला एवं सत्र न्यायालय बलौदाबाजार में संविधान के प्रस्तावना की शपथ समस्त न्यायाधीशगण एवं न्यायालयीन कर्मचारियों के द्वारा ली गई, साथ ही बाह्य न्यायालय कसडोल, सिमगा एवं भाटापारा के न्यायधीशगण एवं कर्मचारियों के द्वारा भी संविधान के प्रस्तावना वाचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
संविधान दिवस पर जिला जेल बलौदाबाजार में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया एवं जेल में निरूद्ध बंदियों को संविधान की प्रस्तावना का वाचन कर शपथ दिलायी गयी, जिसमें बंदियों के द्वारा उत्साहपूर्वक भाग लिया गया। बंदियों को विधि दिवस के महत्व के बारे में बताया गया कि यह दिन कानून का सम्मान करने, भारत के संविधान के महत्व को दर्शाने और भारत के नागरिकों को उनके संवैधानिक अधिकारो और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करने और संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है। बंदियों को मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकारों के बारे में भी बताया गया। बंदियों के द्वारा विधि से संबंधित प्रश्न किये गये जिसका उत्तर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा दिया गया। बंदियों को अपराध दर्ज होने से लेकर रिमाण्ड, जमानत, प्रकरण की सुनवाई का कम जैसे आरोप विरचित होना, प्रतिपरीक्षण, अभियुक्त कथन, प्रतिरक्षा के अधिकार एवं अंतिम तर्क के महत्व के बारे में बताया गया साथ ही बंदियों को उनके विधिक अधिकारों से भी जागरूक किया गया।
संविधान दिवस पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा शासकीय बृजलाल वर्मा महाविद्यालय पलारी में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। महाविद्यालय में उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को संविधान के प्रस्तावना की शपथ दिलायी गयी। संविधान के महत्व के बारे में बताया गया। नि:शुल्क विधिक सहायता संविधान के अनुच्छेद 39ए के अंतर्गत विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम के माध्यम से किस प्रकार प्रदान की जाती है, के विषय में भी बताया गया। विधिक जागरूकता में लैंगिक उत्पीडऩ, साईबर काइम, रैगिंग, टोनही प्रताडऩा अधिनियम, पाक्सो, बाल विवाह, हिट एंड रन कमेटी, पीडि़त क्षतिपूर्ति योजना, सोशल मिडिया के उपयोग में बरतें जाने वाली सावधानियों और उनसे होने वाले अपराधों के विषय में बताया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में कार्य कर रहे पैरालीगल वालंटियर के द्वारा भी विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया जिसमें अजय वर्मा के द्वारा थाना परिसर हथबंद, लोकेश यदु द्वारा ग्राम अगेरी, नारेन्द्र देवांगन द्वारा शिव लाल मेहता स्कूल भाटापारा, अशोक श्रीवास्तव द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्य. शाला सूरजपुरा, लाखन बंजारे द्वारा शासकीय पूर्व माध्य. शाला बिटकुली, मोनिका दिक्षित द्वारा प्रबंध कार्यालय भाटापारा व ग्राम पंचायत घोधा, चंद्रशेखर श्रीवास द्वारा शासकीय हाई स्कूल बरेली, केशव प्रसाद साहू द्वारा शासकीय पूर्व माध्य. विद्यालय सिंघरी, प्रीतम कुमार बंजारे द्वारा ग्राम पंचायत बम्हनी, अश्वनी कुमार साहू द्वारा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सिंघारी, प्रेमकुमारी चतुर्वेदी द्वारा प्रबंध कार्यालय सिमगा, पीयूष कुमार साहू द्वारा शासकीय पूर्व माध्य. शाला डोंगरीडिह, ईश्वरी घृतलहरे द्वारा सखी वन स्टाप सेंटर बलौदाबाजार, हिमांशू साहू द्वारा प्रबंध कार्यालय कसडोल व ग्राम पंचायत बगार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण बलौदाबाजार के द्वारा आयोजित विधिक जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कानूनी जागरूकता के साथ-साथ संविधान के महत्व को बताना एवं जिला विधिक सेवा की कार्यप्रणाली से जनसामान्य को अवगत कराना है जिससे अधिक से अधिक संख्या में जनसामान्य इसका लाभ उठा सके।


