बलौदा बाजार

संकट में मोहन गांव: नदी से मात्र 100 मीटर रह गई दूरी, इस साल फिर स्वीकृत हुआ रेत घाट
02-Nov-2025 3:06 PM
 संकट में मोहन गांव: नदी से मात्र 100 मीटर रह गई दूरी, इस साल फिर स्वीकृत हुआ रेत घाट

 ‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 2 नवंबर। बलौदाबाजार जिले के पलारी क्षेत्र के मोहन गांव में महानदी का कटाव लगातार जारी है। वर्तमान में नदी गांव से लगभग 100 मीटर की दूरी पर पहुंच चुकी है। इसी बीच, इस वर्ष प्रशासन ने जिले में 12 रेत घाट स्वीकृत किए हैं, जिनमें मोहन गांव का घाट भी शामिल है।

पिछले वर्ष इस घाट को स्वीकृति नहीं दी गई थी। उस समय रेत खनन नहीं होने से कटाव में कुछ कमी आई थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस वर्ष घाट स्वीकृत होने से फिर से कटाव बढऩे की आशंका है।

गांव के कुछ निवासियों ने बताया कि मिट्टी के कटाव के कारण सैकड़ों एकड़ जमीन पहले ही नदी में समा चुकी है। पिछले वर्ष तत्कालीन कलेक्टर रजत बंसल ने क्षेत्र का दौरा किया था और तटबंध निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन योजना आगे नहीं बढ़ सकी।

 

इस बार रेत घाट स्वीकृत होने के बाद ग्रामीणों में चिंता है कि कटाव की रफ्तार बढ़ सकती है। इस संबंध में खनिज अधिकारी अवधेश बारीक ने बताया कि इस वर्ष 12 नए रेत घाट स्वीकृत किए गए हैं ताकि रेत की कमी और कालाबाजारी की समस्या को रोका जा सके। उनके अनुसार, मोहन रेत घाट को पर्यावरणीय स्वीकृति के साथ मंजूर किया गया है। घाट नदी के तट से निर्धारित दूरी पर है। जिन लोगों को आपत्ति है, वे जनसुनवाई में अपनी बात रख सकते हैं।

गांव का इतिहास और संघर्ष

गांव के निवासियों के अनुसार, लंबे समय से यहां नदी के कटाव की समस्या बनी हुई है।

ग्रामीण बताते हैं कि पूर्व में स्वर्गीय जेठू निषाद नामक बुजुर्ग ने गांव को कटाव से बचाने और पुनर्वास की मांग कई बार की थी। ग्रामीण अब भी गांव को सुरक्षित करने की मांग कर रहे हैं।


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