बलौदा बाजार

प्लांट से निकलने वाले पानी से फसलें प्रभावित होने का आरोप
01-Nov-2025 8:10 PM
प्लांट से निकलने वाले पानी से फसलें प्रभावित होने का आरोप

धौराभाठा और बकुलाही के किसानों ने की शिकायत, कलेक्टर ने जांच के दिए आदेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 1 नवंबर। बलौदाबाजार जिले के धौराभाठा और बकुलाही गांव के किसानों ने आरोप लगाया है कि गांव के पास स्थित प्लांट से निकलने वाले पानी से उनकी फसलें प्रभावित हो रही हैं। किसानों की शिकायत पर कलेक्टर ने मिट्टी और पानी के नमूने की जांच के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

धौराभाठा और बकुलाही गांव के किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार प्लांट प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। भानु राम ध्रुव, सरपंच, धौराभाठा का कहना है कि प्लांट से जो केमिकल वाला पानी खेतों में छोड़ा जा रहा है, उससे जमीन खराब हो रही है। एक साल से यह पानी छोड़ा जा रहा है। बरसात में पता नहीं चला, लेकिन फसल कटाई के समय पूरी फसल खराब मिली।

काशीदास मानिकपुरी, कोटवार, धौराभाठा का कहना है कि लगभग 50 एकड़ में लगी फसल प्रभावित हुई है। हमने तहसील कार्यालय में शिकायत की थी, लेकिन कोई स्थायी हल नहीं निकला। हमारी जमीन की उत्पादकता कम हो रही है।

कुछ किसानों ने बताया कि वे कलेक्टर से मिलने गए थे, लेकिन अनुपस्थिति में उन्होंने अपर कलेक्टर को आवेदन दिया।

धौराभाठा के किसानों का कहना है-इसी जमीन से हमारा परिवार चलता है। अगर जमीन को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई, तो हम चुप नहीं रहेंगे।

कुछ ग्रामीणों ने यह भी कहा कि पानी से पशुओं को बीमारी हो रही है।

धौराभाठा के किसानों का कहना है-जब गाय यह पानी पीती हैं तो वे बीमार पड़ जाती हैं। रात में प्लांट से धुआं और डस्ट निकलता है, जिससे दिक्कत होती है।

कलेक्टर दीपक सोनी ने कहा कि मामले की जांच के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कृषि विभाग की टीम गठित की गई है। टीम खेतों और नालों से मिट्टी और पानी के नमूने लेकर जांच करेगी। यदि कंपनी दोषी पाई जाती है तो कार्रवाई की जाएगी और किसानों को मुआवजा दिलाया जाएगा। पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन स्वीकार नहीं किया जाएगा।

एसडीएम भाटापारा, तहसीलदार और कृषि विभाग के अधिकारियों को प्रारंभिक जांच के निर्देश दिए गए हैं। 48 घंटे के भीतर टीम मौके पर जाकर नमूने लेगी।

 किसानों की मांग है कि जिनकी फसल प्रभावित हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाए।

मीडिया ने प्लांट प्रबंधन से इस विषय पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।


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