बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 30 अक्टूबर। एक नवंबर से बलौदाबाजार जिले का बार नवापारा अभ्यारण्य पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आधिकारिक रूप से खोला जाएगा। इस बीच, अभ्यारण्य क्षेत्र में वन्यजीवों के शिकार की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है।
हाल ही में अर्जुनी परिक्षेत्र के बिलाड़ी परिसर में एक गौर के शिकार की घटना सामने आई थी। इससे पहले भी हिरन और तेंदुए के शिकार की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें विद्युत प्रवाह का उपयोग किए जाने की बात सामने आई थी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि ऐसी घटनाएँ समय-समय पर होती रहती हैं। उनका आरोप है कि कई मामलों में इन घटनाओं की जानकारी संबंधित अधिकारियों तक पहुँचने के बाद भी आगे की कार्रवाई नहीं होती।
स्थानीय वाइल्डलाइफ कंजरवेशन सोसायटी के अध्यक्ष निखिलेश त्रिवेदी ने जिले के वनों में अवैध शिकार की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए वन विभाग से वन्य प्राणियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने वन विभाग और पुलिस प्रशासन से आरोपितों की शीघ्र गिरफ्तारी की अपील की है। एक अन्य घटना में, सिद्धखोल झरने के पास एक छत्तीसगढ़ी फिल्म की शूटिंग के दौरान फटाके फोड़े जाने की जानकारी मिली है। त्रिवेदी ने कहा कि इससे आसपास के हाथी विचलित हुए हैं। उन्होंने वन विभाग से इस मामले में संज्ञान लेने और संबंधित फिल्म यूनिट पर नियमानुसार कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
त्रिवेदी का कहना है कि यदि फिल्मांकन के लिए अनुमति ली गई है तो यह प्रक्रिया वैध है, लेकिन फिल्म निर्माण के दौरान अत्यधिक शोर, फटाकों और भीड़भाड़ से बचना आवश्यक है, ताकि वन्यजीवों और आसपास के ग्रामों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि इस समय बार नवापारा क्षेत्र में हाथियों के झुंड सक्रिय हैं, इसलिए किसी भी तरह की असावधानी ग्रामीणों और उनकी फसलों के लिए जोखिम पैदा कर सकती है।


