बलौदा बाजार

विद्यार्थियों ने वेस्ट मटेरियल से बनाए सजावटी सामान, प्रदर्शनी में खरीदारों ने की सराहना
17-Oct-2025 3:08 PM
विद्यार्थियों ने वेस्ट मटेरियल से बनाए सजावटी सामान, प्रदर्शनी में खरीदारों ने की सराहना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 17 अक्टूबर। उच्च शिक्षा विभाग के दिशा-निर्देश पर डीके महाविद्यालय में वेस्ट मटेरियल से उपयोगी और सजावटी वस्तुएं बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी रचनात्मक प्रतिभा को व्यवसायिक रूप देना है। प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की प्रदर्शनी महाविद्यालय परिसर में लगाई गई, जहां लोगों ने न केवल सराहना की बल्कि खरीदारी भी की।

महाविद्यालय की प्राचार्य ए.आर.सी. जेम्स ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार विद्यार्थियों को यह सिखाया गया कि वेस्ट पदार्थों का पुन: उपयोग (रिसाइक्लिंग) किस प्रकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा, विद्यार्थियों ने वेस्ट मटेरियल से सुंदर सजावटी सामान बनाकर अपनी सृजनात्मकता दिखाई है। प्रदर्शनी में मिले सकारात्मक प्रतिसाद से यह प्रयास सफल रहा।

सहायक प्राध्यापक डाली शुक्ला ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को वेस्ट सामग्री का पुन: उपयोग कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने कहा, इन वस्तुओं को बाजार में बेचकर छात्र अपनी पढ़ाई का खर्च भी निकाल सकते हैं और भविष्य में इसे लघु उद्योग के रूप में विकसित कर सकते हैं।

 

महाविद्यालय की छात्रा हनी लहरे ने बताया कि यह प्रशिक्षण निश्चित ही हमारे बहुत काम आयेगा. हम जो नहीं बना सकते थे, वो सब बनाना सीखें हैं और वेस्ट मटेरियल का रिसायकल कर सजावटी सामान बनाकर अपने घर को सजा सकते हैं। भविष्य में हम इसे औधोगिक रूप भी दे सकते हैं।

प्रदर्शनी में पहुंचे खरीददारों ने विद्यार्थियों के प्रयासों की प्रशंसा की। खरीददार मनीषा शुक्ला ने कहा कि यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम है बल्कि युवाओं के लिए आत्मनिर्भरता का एक शानदार उदाहरण भी है।

 मनीषा शुक्ला ने कहा कि बहुत अच्छा प्रयास रहा। दीपावली में बहुत सारे वेस्ट पदार्थों को हम बाहर फेंक देते हैं। यहां उसे उपयोग करना सिखाया गया और बाजार में बिक्री करना भी बताया गया। यह सब बच्चों के काम आयेगा। मैंने भी उनके सामानों को खरीदा है। बहुत अच्छा लगा और ऐसा प्रयास निचले कक्षाओं से दिया जाए तो बहुत अच्छा होगा।


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