बलौदा बाजार

पुलिस की पिटाई से आदिवासी युवक घायल, आरोप
14-Oct-2025 8:58 PM
पुलिस की पिटाई से आदिवासी युवक घायल, आरोप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 14 अक्टूबर। पुलिस पर आदिवासी युवक को पीटने का आरोप लगा है। जिससे युवक गंभीर रुप से घायल हुआ और अब अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।

 पीडि़त युवक और परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस की पिटाई से ही उसकी हालत गंभीर हुई है। युवक ने थाना प्रभारी अजय झा पर मारपीट और गाली गलौज का आरोप लगाया। युवक के मुताबिक उसने अपनी पैंट के पिछली जेब में शराब की बोतल रखी थी, जिसे देखने के बाद भी पुलिसकर्मियों ने पीछे लात मारी,जिससे बोतल टूटी और उसका पिछला हिस्सा लहूलुहान हो गया। वहीं पुलिस ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि भागने के दौरान युवक गिरा और चोट लगी। जिसे पुलिस ने ही भर्ती कराया है।

पीडि़त हितेश्वर भट्ट ने बताया कि रविवार रात रिसदा रोड के पास उसके साथी शराब पी रहे थे। तभी कुछ पुलिसकर्मी आएं और मारपीट करनी शुरु की। इसके बाद वो मौके से भागने लगा तो टीआई ने पीछे लात मारी। पिछली पॉकेट में शराब की बोतल थी जो लात मारने के दौरान टूट गई और शरीर में उसके कांच घुस गए।

अजय झा टीआई ने मारा हैं कोई बातचीत नहीं किए गाली गलौज किए और मारना शुरू कर दिए जबकि मैं शराब नहीं पी रहा था। बस जेब में रखा था। घर में पीने के लिए रखा था। टीआई के मारने से शराब की शीशी टूटकर पीछे घुस गई और बहुत ज्यादा खून बहना शुरू हुआ, इसके बाद मेरे साथी जिला अस्पताल लेकर आए। हितेश्वर भट्ट, पीडि़त

पीडि़त की मां रानी भट्ट ने बताया कि रात 9 बजे के बाद मुझे फोन किए कि मां जल्दी आओ। फिर मैं हॉस्पिटल पहुंची तो देखा बेटा का खून में कपड़ा भींगा हुआ था, 7-8 टांका लगा है। बेटे ने बताया कि टीआई मारे हैं उसके ससुर आए हुए हैं जिसके लिए शराब लेने गया था। उसी दौरान दोस्तों के साथ सिगरेट बीड़ी पी रहे थे, शराब नहीं पी रहे थे पीछे जेब में रखा था।

पीडि़त की मां रानी भट्ट ने कहा- हम लोग कार्यवाही चाहते हैं मेरा बेटा भी सरकारी कर्मचारी है। पीछे में पड़ गया तो ठीक है और कहीं लगता तो क्या होता.अभी-अभी तबियत ठीक हुआ है बेटे का 5 दिन हुआ है स्कूल ज्वाइन किए और अब ये ना तो बैठ पाएगा ना कुछ कर पाएगा. कई महीने तो ऐसे ही रहना पड़ेगा. हम कार्रवाई चाहते हैं।

भागते हुए लगी चोट

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने इस मामले में कहा कि कल रात थाना प्रभारी और उसकी टीम गश्त कर रही थी। शराब पीने की शिकायत पर टीम मौके पर चेक करने गई, वहां पर कई लोग पुलिस को देखकर भागने लगे। पुलिस को देखकर हितेश्वर भट्ट भागने लगा और भागते-भागते गिरा। हितेश्वर के पीछे पॉकेट में शराब रखा हुआ था। गिरने से शराब की शीशी टूटी और उसको चोट लगी. पुलिस ने ही उसे अस्पताल में भर्ती कराया।

नहीं मिली है शिकायत

पीडि़त के आरोपों पर एएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि अभी तक हमारे पास लिखित में कोई शिकायत नहीं मिली हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोग पोस्ट कर रहे हैं, जब रिटर्न कंप्लेन आएगी उसके आधार पर जांच कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। आदिवासी पर अत्याचार के आरोपों पर पुलिस का कहना है कि ये सब बढ़ा चढ़ा कर बोला जा रहा है, ऐसी कोई बात नहीं है। पुलिस कार्यवाही कर रही हैं, जो लोग शराब बेचते हैं शराब पिलाते हैं. ऐसे लोगों पर लगातार कार्यवाही हो रही हैं। यह घटना रिसदा शासकीय शराब भ_ी के पास की घटना है रात करीब 9 बजे की।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

वहीं इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है। कांग्रेस ने बलौदाबाजार में हुई घटना को लेकर लेकर सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के मुताबिक पुलिस अब अपराधियों को नहीं पकड़ पा रही है, इसलिए आदिवासियों पर अत्याचार कर रही है।

दीपक बैज, अध्यक्ष पीसीसी ने कहा- ना तो वो चोर थे, ना तो वो डकैत थे और ना ही उससे किसी को जान से खतरा था। फिर भी पुलिस ने एक आदिवासी युवक को बेरहमी से मारा। जिससे उसकी जान भी जा सकती थी। पुलिस का बर्बरता वाला चेहरा सामने आया है। क्या यही विष्णु का सुशासन है। राज्य की बिगड़ी कानून व्यवस्था को सुधारने के बजाए बेकसूरों पर पुलिस अत्याचार करके क्या साबित करना चाहती है।


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