बलौदा बाजार
प्रतियोगिता के परिणामों पर उठे सवाल प्रथम पुरस्कार निरस्त करने की हो रही है मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 13 अक्टूबर। वन्य जीव संरक्षण हेतु गठित पंजीकृत संस्था वाइल्ड लाइफ कन्वेंशन समिति के अध्यक्ष अखिलेश त्रिवेदी ने बार नवापारा अभ्यारण प्रबंधन द्वारा आयोजित वर्ल्ड लाइफ फोटोग्राफी प्रतियोगिता के परिणामों पर आपत्ति जताई हैं। उन्होंने प्रथम पुरस्कार को निरस्त करने की मांग राज्य सरकार एवं प्रशासन से की हैं।
त्रिवेदी ने कहा कि वन्य जीव छायांकन की एक आचार संहिता होती है जिसके अनुसार बंदी अवस्था में रखे गए प्राणियों या चिडिय़ाघर में खींचे गए चित्रों को प्रतियोगिता हेतु उपयुक्त नहीं किया जाता। उनके अनुसार प्रतियोगिता में जिस बाध की तस्वीर को प्रथम पुरस्कार दिया गया है वह नया रायपुर स्थित जंगल सफारी में खींची गई है जो किसी प्राकृतिक अभ्यारण का हिस्सा नहीं है बल्कि मानव निर्मित वन विहार हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ल्ड लाइफ फोटोग्राफी में उच्च नैतिक मापदंडों का पालन आवश्यक हैं। देशभर के प्रमुख फोटोग्राफी समूह और वेबसाइटस भी वर्ल्ड लाइफ फोटोग्राफी एथिक्स के तहत ऐसे चित्रों को स्वीकार नहीं करते उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य के वन अधिकारी अक्सर विशेष विशेषज्ञों से सलाह लिए बिना ही निर्णायक भूमिका निभा लेते हैं जबकि उन्हें वन्य जीव छायांकन की तकनीकी जानकारी सीमित होती है हालांकि श्री त्रिवेदी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया था किंतु देश के विभिन्न टाइगर रिजर्व में 500 से अधिक भागों बाधों बाधिनों और उनके शावकों का छाया खान किया हैं। इस नाते यदि उनके गृह जिले की प्रतियोगिता में कोई त्रुटि तिथि तो उसे इंगित करना उनका दायित्व हैं। वन मंडल ने इस विवाद पर आधिकारिक स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि वर्ल्ड लाइफ फोटोग्राफी प्रतियोगिता 2025 चैप्टर 2 कैप्चर टू कन्वर्जन में प्रथम पुरस्कार प्राप्त फोटो प्रीडेटर्स ऑफ़ डिफरेंट स्पीशिस पूर्णत: मौलिक और असंपादित हैं। वन मंडल के अनुसार यह फोटो प्रतिभागी अश्विनी तिर्की द्वारा नवंबर 2024 में खींचा गया था। इस दृश्य का वीडियो उनके सहपाठी लक्ष्मीकांत साहू ने बनाया था दोनों ने ही प्रतिभागी एएएफटी यूनिवर्सिटी खरोरा के वर्ल्ड लाइव फोटोग्राफी स्नातक हैं। फोटो और वीडियो दोनों उपलब्ध हैं जो चित्र की प्रमाणिकता की पुष्टि करते हैं। वन मंडल ने कहा कि प्रतियोगिता की पारदर्शिता पर लगाए गए आरोप भ्रामक और निराधार हैं। मुक्त फोटो का मूल संरक्षण संस्करण और संबंधित वीडियो जंगल सफारी रायपुर के आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर देखा जा सकता हैं।


