बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 अक्टूबर। बलौदाबाजार जिले के जंगलों में पिछले कई वर्षों से हाथियों का एक दल मूवमेंट कर रहा है। स्थानीय ग्रामीणों और वन्यजीव प्रेमियों के अनुसार इस दल में लगभग 27 से 28 हाथी शामिल हैं। इनका मूवमेंट मुख्य रूप से बारनवापारा अभयारण्य और आसपास के जंगलों में देखा गया है।
जिला वन अधिकारी गणवीर धम्मशील ने बताया कि हाल के दिनों में हाथियों का मूवमेंट कोठारी और सोनाखान रेंज के जंगलों की ओर भी बढ़ा है।
वन विभाग की निगरानी
वन विभाग ने हाथियों के आवागमन की सतत निगरानी के लिए कैमरा ट्रैप, मोबाइल पेट्रोलिंग और जीपीएस ट्रैकिंग का उपयोग किया है। विभाग का उद्देश्य हाथियों के मूवमेंट को सुरक्षित बनाना और ग्रामीणों व फसलों को नुकसान से बचाना है।
हाथियों की गतिविधियां
वन विभाग और स्थानीय लोगों के अनुसार, इस झुंड में कई छोटे हाथी भी शामिल हैं। कैमरा ट्रैप से मिली तस्वीरों में झुंड को जंगलों और तालाब में देखा गया है। बुधवार को हाथियों का झुंड ग्राम पठियापाली के आबादी क्षेत्र में पहुंचा था, जिस पर ग्रामीणों को सतर्क किया गया और हाथियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई।
ग्रामीणों को सतर्कता
ग्रामीणों को खेतों और खलिहानों में हाथियों के निकट न जाने, रात में अंधेरे में घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है। जानकारी साझा करने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप और स्थानीय बैठकों का उपयोग किया जा रहा है।
डीएफओ गणवीर धम्मशील ने कहा कि,जिले में 27 हाथियों का दल कई वर्षों से रह रहा है। हाथियों का आवागमन सुरक्षित हो और ग्रामीणों, बच्चों तथा किसानों को किसी तरह का खतरा न पहुंचे, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। ग्रामीणों को जागरूक किया गया है कि वे हाथियों से दूरी बनाए रखें। हाथियों की सुरक्षा और मानव सुरक्षा दोनों हमारी प्राथमिकता है। हमारा प्रयास है कि हाथियों और स्थानीय समुदाय के बीच सह-अस्तित्व कायम रहे। हाथियों का सुरक्षित आवागमन वन्यजीव संरक्षण, जैव विविधता और पारिस्थितिकी संतुलन के लिए आवश्यक है।
उठाए जा रहे कदम
जंगलों में जीपीएस ट्रैकिंग और कैमरा ट्रैप से निगरानी, विशेष टीम और मोबाइल पेट्रोलिंग की तैनाती, हाथियों के संभावित मार्गों पर अस्थायी बैरियर्स और रूट्स, किसानों के साथ समन्वय और जागरूकता कार्यक्रम, ग्रामीणों को सुरक्षा उपायों की जानकारी।


