बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 7 अक्टूबर। बलौदाबाजार जिले में अक्टूबर की असामान्य बारिश किसानों के लिए चिंता का कारण बन गई हैं। लगातार हो रही वर्षा से धान की खड़ी फसल पर भूरा माहो ब्लास्ट सहित अन्य रोगों का प्रकोप तेजी से बढ़ गया हैं। खेतों में जल भराव से फसल सडऩे लगी हैं, वहीं धूप नहीं निकलने से पौधे कमजोर पड़ रहे हैं। किसानों का कहना है कि फसलों पर छिडक़ी जा रही कीटनाशक दवाइयां भी अब असर नहीं दिख रही हैं।
ग्राम लटुवा के किसान किशोर यदु, मनोहर वर्मा, दुकालू पैकरा, रिसदा के नेतराम भारद्वाज, सुढ़ेली के साधराम बारले और पुरान के मनहरण धीवर ने बताया कि बीमारियों का प्रकोप पिछले 15 दिनों से लगातार बढ़ रहा हैं। जरूरत से ज्यादा बारिश की वजह से खेतों में पानी भर गया है और धान के पौधे पीले पडऩे लगे हैं। फसल को बचाने के लिए किसानों को मजदूर की मदद से करगा निकलना पड़ रहे हैं। वहीं कीटनाशक दवाओं के बार-बार छिडक़ाव से लागत लागत बढ़ती जा रही हैं। धान के साथ-साथ सब्जी की फैसले भी लगातार बारिश से खराब हो रही हैं। खेतों में पानी भरने से सब्जियों की जड़े गलने लगी हैं। लौकी, टमाटर, भिंडी और बैगन, जैसी फैसले तेजी से नष्ट हो रही हैं।
किसानों का कहना है कि सब्जियों को बचाने के लिए भी कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ रहा हैं। जिससे लागत दुगनी हो गई हैं।
985.7 मिमी पर वर्ष बारिश दर्ज औसत से 42.9 मिली कम
जिले में अब तक मानसून सीजन के दौरान 985.7 मिली मीटर औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी हैं। जबकि जिले का सामान्य औसत 1028.6 मिली मीटर हैं। यानी अभी सीजन का कोटा पूरा होने के लिए 42.9 मिली मीटर बारिश की आवश्यकता हैं। मौसम विभाग के अनुसार 15 अक्टूबर तक मानसून की वापसी की संभावना हैं।
असमय बारिश में फसल बचाने वैज्ञानिक की सलाह
बलौदाबाजार के कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर प्रदीप कश्यप ने बताया कि यह समय धान की फसलों के लिए अत्यंत संवेदनशील हैं। क्योंकि अधिकतर खेतों में फसल बाली निकालने और फूल आने की अवस्था में हैं। इस दौरान लगातार भारी से परागण प्रभावित होता हैं जिसे खाली बालियां और अधपके दाने बनने की संभावना बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि तेज हवाओं और वर्षा से फसल झुकाने की समस्या भी हो सकती हैं। जिससे कटाई में दिक्कतें आती हैं। लगातार नमी रहने पर ब्लास्ट शीथ ब्लास्ट और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ता हैं जबकि उमस बढऩे भूरा फूदका और तना छेदक जैसी किट सक्रिय हो जाते हैं।
6 दिन में 65.7 मिमी बारिश मौसम का बदला मिजाज
अक्टूबर के पहले 6 दिनों में बलौदाबाजार जिले में 65.7 मिली मीटर बारिश दर्ज की गई हैं। जिसे जहां धान और सब्जी फसलों को नुकसान हुआ है वहीं सामान्य जनजीवन भी प्रभावित हुआ हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एमपी थॉमस का कहना है कि यह मौसमी परिवर्तन जलवायु दबाव बदलाव और सक्रिय प्रणाली के कारण हुआ हैं। हालांकि अब सिस्टम कमजोर पढऩे लगा हैं।


