बलौदा बाजार

राशन कार्ड संदिग्धों की सूची चस्पा
07-Oct-2025 4:01 PM
राशन कार्ड संदिग्धों की सूची चस्पा

बलौदाबाजार पलारी के हितग्राहियों में मचा हडक़ंप

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 7 अक्टूबर। केंद्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) राशन कार्ड धारकों की संदिग्ध सूची जारी होते ही पलारी नगर सहित पूरे बलौदाबाजार जिले में हितग्राहियों में खलबली मच गई हैं। इस सूची में उन 1.31 लाख लोगों को शामिल किया गया है जिसके पास ढाई एकड़ (2.47 एकड़) से ज्यादा जमीन हैं। बताया जा रहा है कि जल्द उनके राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया भी शुरू हो सकती हैं। सूची के जारी होने के बाद से ही सैकड़ों की संख्या में लोग अपना नाम और जमीन का विवरण जाचने के लिए नगर पंचायत के चक्कर लगा रहे हैं।

नगर पंचायत कार्यालय पहुंचे हितग्राहियों के चेहरे पर चिंता साफ देखी जा सकती थी। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि अगर उनका राशन कार्ड निरस्त हो गया तो परिवार के सामने रोजी-रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा। पलारी नगर में जैसे ही इस सूची की मुनादी हुई लोग झुंड के झुंड नगर पंचायत पहुंच गए ताकि यह पता लगा सके कि उनका नाम संदिग्ध सूची में तो नहीं हैं। कई लोगों ने अधिकारियों के सामने अपनी गरीबी का प्रमाण देने की कोशिश भी की।

शासन द्वारा राशन कार्ड में दर्ज सभी नामों का सत्यापन कराया जा रहा है जिसमें यह देखा जाएगा कि प्रत्येक हितग्राहियों के नाम पर कितनी जमीन दर्ज हैं। इसके लिए पटवारी से जमीन कर सत्यापन करने के लिए निर्देश जारी किया गया हैं। संदिग्ध हितग्राहियों की सूची को पारदर्शी बनाने के लिए इसे ग्राम पंचायत नगर पंचायत और राशन दुकानों पर भी उपलब्ध कराया गया है ताकि लोग अपना ब्यौरा स्वयं जांच सकें। फिलहाल यह सत्यापन अभियान जारी है और अंतिम निर्णय के पहले हितग्राहियों को अपना पक्ष रखने मौका दिया जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करना सही लोगों तक लाभ पहुंचाना हैं।

नगर पंचायत पहुंचे एक हितग्राही तीजबाती यादव, रेखा यादव, संतोषी परदेसनिन आदि ने कहा हम वास्तविक गरीब है हमारे पास ना जमीन है ना ही पैसा। हम सिर्फ यह जाने आए हैं कि हमारा नाम इस सूची में तो नहीं आ गया हैं। अगर ऐसा हुआ तो हमारे परिवार का पेट कैसे भरेगा? इसी तरह की बात अन्य लोगों ने भी कही जो अपना कार्ड बचाने के लिए बेताब नजर आए।

 

केंद्र और राज्य के मापदंडों में अंतर

इस पूरे मामले की जड़ केंद्र और राज्य सरकार की गरीबी रेखा के अलग-अलग मापदंड हैं। जहां केंद्र सरकार ने ढाई एकड़ से अधिक जमीन वाले परिवारों को संदिग्ध माना हैं वहीं राज्य सरकार ने अपने पात्रता मानदंड हैं। जिला खाद्य अधिकारी तना राम वर्मा ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा केंद्र सरकार के निर्देश पर ही यह सत्यापन अभियान चलाया जा रहा हैं। प्रदेश में कुल एक 1,31,794 लोगों को ऐसा पाया गया है जिसके पास 2.47 एकड़ से अधिक जमीन हैं।


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