बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 20 सितंबर। जिले के भाटापारा क्षेत्र अंतर्गत आने वाला लोहारी गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। गांव की लगभग 1500 की आबादी के लिए मात्र 3 किलोमीटर की सडक़ आजादी के 78 साल बाद भी नहीं बन पाई हैं। ग्रामीण अब भी पगडंडियों से होकर सुहेला पहुंचने को मजबूर हैं।
यह गांव भाटापारा और हथबंद मार्ग से सटा हुआ है, लेकिन सडक़ मार्ग न होने से यहां के बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, व्यापारी आज भी मिट्टी के रास्ते खेत खलिहान और पगडंडी से ही गुजरते हैं।
बारिश के दौरान मौसम में स्थिति और भी खराब हो जाती हैं क्योंकि क्षेत्र काली मिट्टी वाला हैं। कई बार दो दिनों तक आवागमन बंद हो जाता हैं।
गांव के विजय वर्मा, दिलीप वर्मा, टेकराम वर्मा, परसराम वर्मा ने बताया कि गांव की हालत ऐसी है कि अगर कोई बस्तर के बीहड़ से तुलना करें तो गलत नहीं होगा। 10 साल पहले पंचायत और ग्रामीणों के सहयोग से कच्ची सडक़ जरूर बनाई गई थी। लेकिन आज तक उसे पक्का नहीं किया गया। मामले में पीडब्ल्यूडी इंजीनियर शिवनाथ कुर्रे ने कहा कि अब तक लोहड़ी मार्ग के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया हैं। आगे एस्टीमेट तैयार किया जाएगा।
सांसद, विधायक से लेकर अफसर तक की शिकायत
80 वर्षीय बुजुर्ग गोविंद राम वर्मा, अर्जुन वर्मा, अरुण सेन, सहित सरपंच शारदा लचछी ध्रुव ने बताया कि गांव के सैकड़ो लोग रोज सुहेला जाते हैं। स्कूली बच्चे, राशन, दावा, बाजार, बैंक जैसे कामों के लिए यही एक रास्ता हैं। रास्ते में टिटहीडीह जलाशय का जर्जर रपटा भी जान जोखिम में डालने जैसा हैं। ग्रामीणों ने बताया कि वे अब तक सांसद, विधायक, जनपद सदस्य और पीडब्ल्यूडी के पास कई बार आवेदन कर चुके हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।


