बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 12 सितंबर। जिला भाजपा कार्यालय बलौदाबाजार में जीएसटी स्लैब में सरलीकरण विषय को लेकर प्रेस वार्ता का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव के मुख्य आतिथ्य में किया गया,। पत्रकार वार्ता लेते हुए संजय श्रीवास्तव ने कहा-जीएसटी में ऐतिहासिक छूट के बाद अब जीएसटी के स्लैब का सरलीकरण, इसके रेट में अभूतपूर्व सुधार करके, रेट को कम करके करके भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यास्था बनाने की तरफ हम अग्रसर हो चुके हैं। यह बदलाव आम आदमी के जीवन को खुशहाल करने वाले और व्यापार उद्योग को नई गति देने वाले हैं। इससे न सिर्फ लोगों की बचत में ऐतिहासिक बढ़त होगी, बल्कि जीएसटी कानूनों के सरलीकरण से अब व्यापारी भी अधिक सुगमता के साथ अपना कार्य कर सकेंगे। मां शक्ति की अराधना के पावन पर्व नवरात्रि से लागू होने वाले यह नए प्रावधान देश को आर्थिक रूप से और शक्तिशाली बनाएंगे।
प्रेस वार्ता में भाजपा जिला अध्यक्ष आनंद यादव, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा प्रमोद शर्मा, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. अजय राव, टेसू लाल धुरंधर, जिला महामंत्री कृष्णा अवस्थी, विजय यादव, विजय केशरवानी, पवन साहू, खोड़स कश्यप, आलोक अग्रवाल, जितेंद्र महाले,पुरुषोत्तम साहू, पुरुषोत्तम सोनी, रितेश श्रीवास्तव, अनुपम बाजपेयी, प्रशांत यादव, मदन वर्मा, नरेश केशरवानी, मणिकांत मिश्रा, संकेत शुक्ला, शशि शुक्ला, जितेंद्र, संतोष पटेल, वासुदेव ठाकुर, वेदाँत रजक, भाजपा पदाधिकारी उपस्थित रहे।
संजय श्रीवास्तव ने कहा-जैसा कि आप सभी जानते हैं कि एक राष्ट्र-एक टैक्स की भावना के साथ पहले सभी तरह के त्यक्ष करों को एक कर प्रणाली के तहत मोदीजी ने लाकर एक भारत-श्रेष्ठ भारत की धारणा को साकार किया और अब इसे और सरल बना कर क्रांतिकारी सुधारों का सूत्रपात किय गया है।
आजादी के बाद से लेकर 101 वें संविधान संशोधन द्वारा 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले तक भारत में 17 प्रकार के टैक्स और 13 प्रकार के सेस लागू थे। इसके अलावा भी राज्य सरकारें मनमाने ढंग से कभी भी कोई भी कर आरोपित कर देती थी। प्रत्यक्ष कर की बातें करें तो आयकर की दर तो एक समय अधिकतम 97.5 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार करने का आश्वासन दिया था, और मात्र बीस दिन की भीतर ही जीएसटी काउंसिल ने इस सुधार को मंजूरी दे दी गई है।नये सुधार से सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। रोजमर्रा की अनेक वस्तुएं जैसे तेल, शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन, पनीर, सिलाई मशीन से लेकर ट्रैक्टर व उसके कलपूर्ज व अन्य कृषि उपकरण तथा व्यक्तिगत स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा, शैक्षणिक वस्तुओं के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक व ओटोमोबाइल उत्पादों को किफायती बनाया गया है।
एक विकसित अर्थव्यवस्था में करदाता अधिक, और टैक्स की दर कम होना चाहिए। इसी लक्ष्य को हासिल किया है जीएसटी ने। जीएसटी करदाता 2017 में 66.5 लाख से बढक़र 2025 में 1.51 करोड़ हो गए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में सकल जीएसटी संग्रह 22.08 लाख करोड रुपये रहा, जो केवल चार वर्षों में दोगुना हो गया है।
जीएसटी कम होने का लाभ वस्त्र उद्योग को विशेष रूप से निर्यात के लिए होगा। हस्तशिल्प की कम दरें कारीगरों की आजीविका को समर्थन देंगी. विरासत को संरक्षित करेंगी और ग्रामीण र्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। ओटोमोटिव में स्पष्ट वर्गीकरण से विवाद कम होंगे तथा विनिर्माण और निर्यात में वृद्धि को समर्थन मिलेगा। नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा।
यह सुधार किसानों के जीवन में आर्थिकी को मजबूती प्रदान करेगा। ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, रोटावेटर में अलग-अलग तरह के जीएसटी घटाकर 5 प्रतिशत की गई है। यह किसान के लिए लागत सक्षम कृषि में सहायक होगी। जैव-कीटनाशक और सूक्ष्म पोषक तत्वों पर जीएसटी दर घटाई गई है।
स्वास्थ्य बीमा, जीवन बीमा उत्पादों पर कर समाप्त करने का लाभ सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक है। यह कर छूट सभी के लिए बीमा का लक्ष्य पाने में मददगार होगा। सस्ते इलाज के संदर्भ में यह कदम ऐतिहासिक है।
इसके अलावा अपवाद के रूप में जहां स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर 40 प्रतिशत कर आरोपित किया गया है, वहीं बीड़ी को 18 प्रतिशत के स्लैब में ही रखा गया है। इससे भविष्य में तेंदू पत्ता संग्राहकों को काफी लाभ होगा। जनजातीय क्षेत्र में तेंदू पत्ता जैसे लघु चन्य उत्पादों की मांग अधिक बढ़ेगी, इससे प्रदेश को भी काफी लाभ होगा।
छत्तीसगढ़ को आर्थिक सुधार और शानदार प्रबंधन के लिए केवल प्रोत्साहन राशि के मद में 6200 करोड़ रुपए मिले हैं।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी में ऐतिसाहसिक फैसले लेने की क्षमता, उनके नेतृत्व में ही भारत विकसित होगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को 2047 में विकसित भारत बनाना चाहते हैं। जीएसटी में जो भी बदलाव किए गए हैं, वो विकासशील अर्थव्यवस्था से विकसित अर्थव्यवस्था की दिशा में ले जाने वाला बड़ा कदम है। इसमें संदेह नहीं है कि बड़े फैसले लेने की क्षमता नरेंद्र मोदी के अलावा किसी और में नहीं है।