बलौदा बाजार

सदा प्रिय व सत्य वचन ही बोलना चाहिए-अभिषेक मोदी
03-Sep-2025 3:39 PM
सदा प्रिय व सत्य वचन ही बोलना चाहिए-अभिषेक मोदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

भाटापारा, 3 सितंबर। श्री आदिनाथ  नवग्रह पंच बाल्याती दिगंबर जैन मंदिर में पर्यूषण पर्व का पांचवा दिवस धूमधाम से मनाया गया। आज उत्तम सत्य धर्म है, सर्वप्रथम श्री चंद्र प्रभु भगवान की प्रतिमा मस्तक पर विराजमान कर अनुराग अंकुश जैन ने पाण्डुक शिला में विराजमान की, उसके बाद मंगल अभिषेक प्रारंभ हुआ, आज की शांति धारा का सौभाग्य अनुराग अंकुश जैन  परिवार एवं नितिन अंजू गदिया परिवार को प्राप्त हुआ। शांति धारा के पश्चात भगवान की मंगल आरती की गई ‘सुरपति ले अपने शीश जगत के, ईस गए गिरी राजा’की धुन पर सभी ने भक्ति भाव से नृत्य करते हुए भगवान की मंगल आरती संपन्न की.  आरती के पश्चात श्री जी की प्रतिमा बेदी पर विराजमान की गई और पर्यूषण पर्व की पूजा प्रारंभ हुई।

सर्वप्रथम देव शास्त्र गुरु की पूजा, भगवान आदिनाथ की पूजा, श्री 1008  चंद्र प्रभु भगवान  की पूजा,24 तीर्थंकर का अर्घ , सोलह कारण पूजा , पंचमेरू पूजा,दशलक्षण पूजा, स्वयंभू स्तोत्र, संगीत के साथ भक्ति संपन्न की गई।

धर्म सभा को संबोधित करते हुए अभिषेक मोदी ने बताया -धर्म का पांचवा लक्षण है उत्तम सत्य ,जब अनंतानुबंधी क्रोध ,मान, माया, लोभ और दर्शन मोह का उपसम या छयोपशम हो जाता है ,तब सम्यक दर्शन की प्राप्ति होती है। सत्य अनुभूति का विषय है, उसे शब्दों के माध्यम से व्यक्त नहीं किया जा सकता  जो मोह और कसायों को छोडक़र स्वयं के सत्य को जान लेता है, फिर उसे किसी को जानने की आवश्यकता नहीं रहती । जिस प्रकार हम जिस भूमि पर बैठे हैं उसके नीचे निर्मल पानी का स्रोत है, वह तभी प्रकट होगा जब ऊपर के कंकड़, पत्थर, मिट्टी आदि को हटाया जाता है। इस प्रकार हमारे भीतर बैठा हुआ सत्य भी तभी प्रकट होगा जब हम अहंकार  राग , दोष, कसायों के झाड़ , झकार, कंकड़ पत्थर मिट्टी आदि को हटा देंगे। अत: सत्य स्वरूप को प्राप्त करने के लिए अनुभव की गहराई में उतरना चाहिए।  हमें सदा अपनी वाणी पर अंकुश रखना चाहिए । संत कहते हैं बोलो पर बोलने से पूर्व विचार कर लो ,जो व्यक्ति बोलने के पूर्व विचार करता है ,उसे फिर कभी पुनर्विचार नहीं करना पड़ता। सदा प्रिय व सत्य वचन ही मुख से बोलो, सत्य वचन कंठ के आभूषण माने गए हैं। जिसके मुख से सदा सत्य निकलता है फिर उन्हें कंठ में किसी आभूषण के पहनने की आवश्यकता नहीं होती।

रात्रि कालीन भगवान आचार्य श्री महाराज जी की मंगल आरती संपन्न की गई। रात्रि में भजन संध्या का कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नवीन, नितिन,सचिन ,पंकज गदिया, प्रकाश, आलोक,  विनोद, अभिषेक, अभिनव ,अभिनंदन , अरिंजय ,अविरल, मोदी, सुमन लता ,रजनी ,नेहा, सुरभि मोदी ,अभिलाषा जैन, आदि प्रमुख रूप से उपस्थितथे।


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