बलौदा बाजार

त्योहार की भीड़, डाकघर में मात्र एक काउंटर, मायूस होकर लौट रहे लोग
29-Jul-2025 8:25 PM
त्योहार की भीड़, डाकघर में मात्र एक काउंटर, मायूस होकर लौट रहे लोग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बलौदाबाजार, 29 जुलाई। रक्षाबंधन पर्व नजदीक आते ही जहां देशभर में रेल, परिवहन और व्यापारिक व्यवस्थाएं तेज़ कर दी जाती हैं, वहीं बलौदाबाजार जिले के एकमात्र मुख्य डाकघर की धीमी कार्यप्रणाली लोगों की परेशानी का कारण बनती जा रही है।

जि़ला मुख्यालय स्थित डाकघर में प्रतिदिन सैकड़ों लोग पत्र, दस्तावेज़ और आवश्यक पार्सल भेजने के लिए कतार में खड़े नजर आते हैं, परंतु मात्र एक काउंटर होने और समयसीमा दोपहर 3 बजे तक निर्धारित होने के कारण अधिकांश लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।

रक्षाबंधन के अवसर पर जहां बहनें भाई के लिए राखी भेजने आती हैं, वहीं दूसरी ओर जॉब संबंधित आवेदन, न्यायालयीन दस्तावेज़, विभागीय पत्राचार और अन्य निजी-शासकीय कार्य भी इसी डाकघर पर निर्भर हैं। रोजाना सुबह से लोग कतार में खड़े रहते हैं, परंतु अत्यंत धीमी प्रक्रिया और मात्र एक ही काउंटर के चलते अधिकांश लोगों का कार्य समय रहते नहीं हो पाता।

बताया जा रहा है कि कई मामलों में न्यायालय संबंधित दस्तावेज़, जैसे कि ज़मानत आदेश या अन्य विधिक नोटिस, समय पर संबंधित पक्षों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि संवैधानिक अधिकारों के हनन की स्थिति उत्पन्न कर रहा है। यह विडंबना है कि जि़ले का एकमात्र प्रमुख डाकघर, जहाँ से जिला न्यायालय, कलेक्टर कार्यालय, और अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों का पत्र व्यवहार संचालित होता है, वह भी वर्षों से अतिरिक्त काउंटर या विशेष व्यवस्था से वंचित है। वर्षों पूर्व जिला न्यायालय परिसर एवं कलेक्टर कार्यालय के समीप पृथक डाकघर खोलने की योजना सामने आई थी, परंतु आज तक वह धरातल पर नहीं उतर सकी।

बलौदाबाजार वासियों की  मांग है कि रक्षाबंधन और आगामी अन्य त्योहारों को देखते हुए डाकघर में अस्थायी अतिरिक्त काउंटर खोले जाएं, समयसीमा बढ़ाई जाए, और डिजिटल सेवाओं को भी सुलभ बनाया जाए। साथ ही जिला न्यायालय व कलेक्टर कार्यालय के लिए अलग डाकघर शीघ्र स्थापित किया जाए, जिससे न केवल आमजन को राहत मिले, बल्कि प्रशासनिक कार्य भी समय पर संपन्न हो सकें।


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