बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 25 जून। ग्राम रिसदा में मार्च 2024 में बेटे ने पिता की हत्या कर दी थी। जांच में बेटा दोषी पाया गया। कोर्ट ने भी सुनवाई के बाद पाया कि हत्या बेटे ने ही लालच में पडक़र की है। लिहाजा जिला सत्र न्यायालय ने आरोपी बेटे को सुनवाई पूरी होने के बाद दोषी पाया और उसे आजीवन कारवास की सजा सुनाई।
सजा के साथ साथ कोर्ट ने दोषी जितेंद्र वर्मा को 10,000 जुर्माना भी भरने का आदेश दिया है। जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
शराब और कर्ज ने बना दिया पिता का कातिल
लोक अभियोजक थानेश्वर वर्मा ने बताया कि आरोपी जितेंद्र वर्मा गांव की सोसायटी में सहायक व्यवस्थापक था. लेकिन 13 लाख की गड़बड़ी सामने आने पर उसे बर्खास्त कर दिया गया। शराब की लत और कर्ज ने उसे और गैरजिम्मेदार बना दिया, वहीं पिता चिंतामणि वर्मा ने बेटे को बचाने के लिए अपनी जमीन 24 लाख में बेच दी, ताकि बेटा बच जाए, समाज में सिर उठा सके, लेकिन जितेंद्र का कर्ज अभी बाकी था। उसने फिर जमीन बेचने की मांग की। पिता ने इस बार जमीन बेचने से इंकार कर दिया।
शौच के लिए गए पिता को उतारा मौत के घाट
लोक अभियोजक ने बताया कि दिनांक 15 मार्च 2024 की रात आरोपी ने शराब पी रखी थी। वह जब घर पहुंचा और पिता से फिर पैसों की मांग करने लगा। जब बात नहीं बनी तो गाली-गलौज और मारपीट की। उस वक्त विवाद खत्म हो गया लेकिन सुबह चिंतामणि वर्मा बाड़ी में बने शौचालय के लिए गए, लेकिन लौटे नहीं। जब पत्नी कुमारी बाई वहां पहुंची तो देखा कि उसका बेटा जितेंद्र पिता के शव को घसीट रहा है। बेटे ने मां को भी धमकाया कि अगर वो शोर मचाएगी तो उसे भी मार देगा।
मां ने लिखाई बेटे के खिलाफ एफआईआर
कुमारी बाई की सूचना पर थाना सिटी कोतवाली बलौदाबाजार में हत्या की एफआईआ दर्ज हुई। पुलिस ने मौके से खून लगे पत्थर, कपड़े, और अन्य सबूत जब्त किए। जितेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
लोक अभियोजक थानेश्वर वर्मा ने केस की मजबूत पैरवी की, 16 गवाहों के बयान, आरोपी का कबूलनामा और फॉरेंसिक साक्ष्य अदालत में निर्णायक साबित हुए। कोर्ट ने आरोपी को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।