बलौदा बाजार

प्रशासन ने नहीं दी डीजे संचालन की अनुमति, कानफोड़ू ध्वनि से मिली राहत
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 19 सितंबर। जिला प्रशासन द्वारा गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन हेतु जारी किए गए निर्देशों एवं डीजे बजाने की अनुमति नहीं दिए जाने से विसर्जन की प्रक्रिया शांतिपूर्वक जारी रही। वहीं नगर पालिका अधिकारी निर्देशों के पालन में फिसड्डी साबित हुए।
पालिका द्वारा अस्थाई विसर्जन कुंड बनाने की खाना पूर्ति करते हुए विसर्जन स्थल के संबंध में कोई प्रचार प्रसार नहीं किया गया। जिसके कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन कर अधिकांश मूर्तियां पहले से ही गंदगी से आते पड़े तालाबों के अलावा नदी नालों में किया गया।
गौरतलब है कि कलेक्टर दीपक सोनी ने समय सीमा की बैठक में अधिकारियों को डीजे बजाने पर कार्रवाई करने तथा एनजीटी के निर्देशानुसार जिला के सभी नगरी निकायों के सीएमओ एवं जनपद पंचायत के सीईओ को प्रतिमा विसर्जन हेतु अस्थाई विसर्जन कुंड बनाने के निर्देश दिए गए थे। संबंधित क्षेत्र के एसडीएम तहसीलदारों द्वारा निर्देश के पालन में विशेष सतर्कता बढ़ाते हुए समितियों को विसर्जन के दौरान डीजे बजाने की अनुमति नहीं जारी किया गया। जिसके परिणाम स्वरुप लोगों ने पारंपरिक ढोल नगाड़ों बैंड बाजे मांदर की थाप पर प्रतिमाओं का विसर्जन किया। जिससे डीजे के कानफोडू ध्वनि से परेशान नगर वासियों को भी अत्यधिक राहत मिली है। उन्होंने प्रशासन के इस पहल का स्वागत करते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के दौरान डीजे के संचालक पर रोक लगाई जाने को आवश्यक बताया है।
नगर पालिका द्वारा खाना पूर्ति करते हुए बलौदाबाजार रायपुर मुख्य मार्ग से करीब डेढ़ किलोमीटर की दूरी में मगर चबा के पहले खोर्सीनाल में अस्थाई विसर्जन कुंड बनाए बना दिया गया। परंतु इस संबंध में आमजनों अथवा समितियों को सूचना नहीं देने के चलते पिछले दो दिनों से अधिकांश प्रतिमाओं का विसर्जन नगर के तालाबों में ही किया जाता रहा ।
यद्यपि कुछ गणेश समिति के सदस्यों ने जागरूकता का परिचय देते हुए अत्यंत सक्रिय व जर्जर मगरचबा पहुंच मार्ग से होकर प्रतिमाओं को नाला में बनाए गए कुंड में विसर्जन किया गया। जिला के सभी नगरी निकाय व ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही स्थिति दिखाई पड़ी। वहीं मुख्य नगर पालिका अधिकारी खिरौद्र भाई से अस्थाई कुंड के संबंध में जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि मगरचबा जवाब के गठन के पास कुंड बनाकर लाइट की व्यवस्था की गई है।