बलौदा बाजार

11 के गेट खोल किसानों को दे रहे पानी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 10 सितंबर। अगस्त की बारिश किसानों के साथ जिले के जलाशयों के लिए भी संजीवनी साबित हुई है। जिले के सूखे पड़े जलाशयों में पानी भर गया है। जितनी बारिश इस वर्ष अगस्त में हुई है, वह अभी तक खेती किसानी से लेकर जलाशयों तक के लिए बेहतर रही है। इसकी वजह से जिले के जलाशयों की पूरी तस्वीर ही बदल गई है।
जून-जुलाई तक जहां जिले के 38 जलाशयों में से गिने-चुने जलाशयों में ही 100 फ़ीसदी जल भराव था, वहीं सितंबर के प्रथम सप्ताह में इस जिले के 36 जलाशयों में 17 में 100 फीसदी जल भराव हो चुका है।
जलाशयों में जल भराव का वर्तमान लाभ किसानों को हो रहा है। डिमांड के अनुसार जल संसाधन विभाग द्वारा 11 जलाशयों के गेट को भी फसलों को जलप्रदाय के नाम पर खोला गया है। इससे धान की फसल को भी लाभ हो रहा है। जलाशयों में भर पानी जिले के किसानों के साथ ही आगामी ग्रीष्म ऋतु में भी भूजल स्तर के साथ ग्रामीण इलाके के लोगों के लिए भी लाभकारी साबित होगा।
जुलाई की अपेक्षाकृत कमजोर बारिश के बाद अगस्त में बारिश का कोटा फूल होते ही जलाशयों की स्थिति पूरी तरह से बदल बदलती हुई नजर आ रही है। इस वर्ष भीषण गर्मी की वजह से मई-जून में जलाशयों की स्थिति सर्वाधिक खराब रही है।
जिले में एक मध्यम जलाशय के अलावा लघु जलाशयों की संख्या 38 है। जुलाई के अंत तक जलाशयों में जल स्तर बेहद कम था। इसी वजह से संबंधित गांवों के ग्रामीणों में चिंता थी। जलाशयों में भरा पानी धान की फसल के साथ ही साथ ग्रीष्मकाल में ग्रामीणों की निस्तार का भी मुख्य साधन होता है, वहीं जलाशयों के भरी होने की स्थिति में भूजल स्तर में भी सुधार रहता है।
अगस्त में हुई बरसात के बाद जिले के जलाशयों में पर्याप्त पानी भर गया है। इससे किसानों के साथ संबंधित ग्रामों के ग्रामीणों में भी हर्ष व्याप्त है। मौसम विशेषज्ञों द्वारा सितंबर में ही जोरदार बारिश का अलर्ट दिया जा रहा है।
सितंबर में 17 जलाशयों में 100 फ़ीसदी पानी
सितंबर के प्रथम सप्ताह तक जिले के साबर जलाशय चरोदा जलाशय कसडोल जलाशय अमरुवा जलाशय से बलौदा जलाशय से कुकुरदी जलाशय खैरादत्तान जलाशय बालसमंद जलाशय कुकदा जलाशय हरिनभ_ा जलाशय बोईरडीह जलाशय पत्थरचुवा जलाशय टीथीडीह जलाशय हिरमी जलाशय दुलदुला जलाशय कामता जलाशय तथा झरिया जलाशय कुल 17 जलाशयों में 100 फीसदी जल भराव हो चुका है। सितंबर में मौसम वैज्ञानिकों द्वारा जोरदार बारिश के संकेत दिए जा रहे हैं। जिसे देखकर अन्य लगभग डेढ़ दर्जन बाकी जलाशयों में भी 100 फीसदी पानी भरने की संभावना है।
धान की फसल को फायदा
आमतौर पर कहा जाता है कि सावन के साथ भादो में भी जमकर बारिश होती है तथा सावन से अधिक बारिश भादो में होती है परंतु इन कहावतों के उलट वर्तमान में बीते पखवाड़े भर से क्षेत्र में जोरदार बारिश नहीं हुई है। कुछ स्थानों में खंड वर्षा होती रही है। तेज धूप तथा भीषण गर्मी से धान की फसल को लेकर किसानों में चिंता थी, जो जलाशयों के भारी होने से दूर हो गई है।
खरीफ फसल धान के लिए सिंचाई की मांग के आधार पर जल संसाधन विभाग द्वारा 11 जलाशय के गेट खोले गए हैं। जिससे किसान बेहद प्रसन्न है। खरीफ धान की फसल को जोरदार फायदा मिल रहा है। इससे किसानों की चिंता दूर हो गई है।
ग्रीष्मकाल की चिंता कम हुई
ग्रामीण इलाकों के अधिकांश जलाशय ग्रामीण लोगों की निस्तारी के साथ ही साथ ्रखरीफ फसल के लिए किसानों को पानी दिए जाने भूजल स्तर को बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं, परंतु जलाशयों का सूखना या जलाशयों में पानी का बेहद कम भराव आगामी ग्रीष्मकालीन के लिए खतरे की घंटी होती है। अगस्त में हुई जोरदार बारिश से किसानों को वर्तमान खरीफ धान में पानी को लेकर पूरी चिंता समाप्त हो चुकी है। वहीं मौसम को देखते हुए आगामी दिनों में ही प्राप्त बारिश की संभावना है। जलाशयों के भरे होने पर आगामी ग्रीष्मकाल में भी लोगों को निस्तारी के साथ ही साथ भूजल स्तर में कमी, कृषि कार्यों में पानी नहीं मिलने की समस्या दूर होती नजर आ रही है।