बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 17 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं बलौदबाजार जिलाधीश रजत बंसल बार-बार खराब सडक़ों की मरम्मत के निर्देश संबंधित अधिकारी को दे रहे हैं, किंतु कई जगह पर उनके निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है इन्हीं में पिथौरा से गिधौरी मार्ग पर ग्राम बयां से अर्जुनी तक लगभग 30 किमी का हिस्सा शामिल है सडक़ पर जगह-जगह गड्ढे हैं। कई जगह की गिट्टियां उखड़ गई है, जिसके कारण लोगों का वहां से गुजरना मुश्किल हो गया है, लेकिन जिम्मेदारों को शायद इससे कोई लेना-देना नहीं है शायद यही वजह है कि सडक़ मरम्मत कराने के लिए अंचलवासियों की बार-बार की जा रही मांग के बावजूद सडक़ की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
पिथौरा से गिधौरी मार्ग स्थित शहीद वीर नारायण सिंह की जन्म स्थली सोनाखान एवं गुरु घासीदास की तपोभूमि गिरौदपुरी है, जहां राजधानी रायपुर से सरायपाली मुख्य मार्ग से आने वाले दर्शनार्थियों को एक मात्र सडक़ पिथौरा व्हाया बयां होकर अर्जुनी से सोनाखान एवं गिरौदपुरी आना पड़ता है। इससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इस 30 किमी मार्ग पर सफर पूरा करने में लोगों को डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है।
साल भर नहीं हो सकती मरम्मत
ज्ञात हो कि आगामी 18 दिसंबर को गुरु घासीदास जयंती है। इस अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं किंतु सडक़ों की मरम्मत की ओर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी का ध्यान नहीं गया इस संबंध में प्रधानमंत्री सडक़ योजना के अनुविभागीय अधिकारी प्रमोद निर्मलकर एवं कार्यपालन अभियंता चंद्रभान सिंह तंवर ने बताया कि इस सडक़ को बने फरवरी-मार्च 2022 को पांच वर्ष पूरा हुआ है इसलिए इसकी मरम्मत एक वर्ष तक नहीं हो सकती क्योंकि इसकी रिपोर्ट तैयार करने में एक वर्ष लग जाता है।
एक गड्ढे की मरम्मत दूसरे में गिट्टी डालकर छोड़ा
वहीं ध्यान देने योग्य एक बात यह भी है कि इस मार्ग पर एक जगह एक गड्ढे को डामर गिट्टी से भरा गया है वहीं एक गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया है इसमें लोगों को मोटरसाइकिल से फिसल कर गिर रहे हैं।
इस क्षेत्र के लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारी कहते हैं कि एक वर्ष तक मरम्मत नहीं हो सकती तो एक गड्ढे को डामर से क्यों भर दिया गया क्या इस पूरे मार्ग पर सिर्फ एक घंटे के लिए ही पैसा आया था। उल्लेखनीय है कि आज कंप्यूटर और ऑनलाइन के इस युग में भी रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक वर्ष समय लगने की बात कहना लोगों के गले नहीं उतर रही है।