बलौदा बाजार

भाटापारा मार्ग पर कुकुरदी के पास लगभग 5 एकड़ में किया गया है निर्माण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 12 दिसंबर। जिला मुख्यालय से आसपास के प्रमुख नगरों तक आसान यातायात सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सिटी बस सुविधा का संचालन शुरू किया गया, लेकिन कुछ ही समय बाद इस के इस के पहिए थम गए, वहीं भाटापारा मार्ग पर कुकुरदी के समीप करीब 5 एकड़ भूमि पर लाखों रुपए की लागत से सिटी बस डिपो के लिए भवन का निर्माण किया गया, लेकिन बिल्डिंग का उपयोग नहीं होने से खंडहर के रूप में तब्दील होने लगा है।
गौरतलब है कि प्रशासन द्वारा नगर के मुरूम खदान को तालाब के रूप में परिवर्तन करने के दौरान खुदाई में निकले सैकड़ों हाईवा विशालकाय पत्थरों को उक्त परिसर के आस पास ढेर लगाकर छोड़ दिया गया है। बताया जाता है कि वर्तमान समय में एक सामाजिक संस्था द्वारा डिपो के लिए निर्मित कक्ष का सांवरा डेरा के बच्चों को शिक्षा देने के लिए उपयोग किया जा रहा है।
सिटी बसों का संचालन बंद होने के बाद धूल खाते पड़े हैं भवन, क्रशर संचालक ने भी पत्थर उठाने का किया था प्रस्ताव
मुरूम खदान से निकले सैकड़ों हाईवा पत्थरों को कुछ क्रेशर संचालकों द्वारा नियमानुसार रियालिटी अदा कर गिट्टी बनाकर विक्रय करने के लिए पत्थरों को खरीदने का प्रस्ताव खनिज विभाग को दिया था, परंतु प्रक्रिया में आने वाली उलझनों से बचने के लिए अधिकारियों द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया सिटी बस डिपो वाली इस बहुपयोगी भवन व भूमि का कई वर्षों से उपयोग नहीं हो पा रहा है।
विकास के नाम पर खर्च किंतु नहीं मिला लाभ
करीब एक दशक पूर्व जिले वासियों को कम खर्च पर यातायात सुविधा दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जिला मुख्यालयों को अन्य शहरों को जोडऩे के लिए सिटी बस सेवा शुरू कराने की कवायत की गई थी लेकिन सिटी बस संचालक कंपनी और स्थानीय निजी बस संचालकों के मध्य विवाद को उलझने में भी जिला प्रशासन द्वारा दिलचस्पी नहीं लिये जाने से सिटी बस डिपो भवन तैयार होने के पूर्व ही कुछ ही महीनों के भीतर ही सिटी बसों के पहिये थम गये।
जिला प्रशासन द्वारा उक्त निर्माण कार्य का किसी अन्य कार्य के लिए प्रयोजन में लाने की बजाय वहां पर विशालकाय पत्थरों का ढेर लगा कर छोड़ दिया गया है। कुछ वर्ष पूर्व उक्त चारदीवारी युक्त वीरान भवन को नगर पालिका व ग्राम पंचायत भरसेली द्वारा कांजी हाउस के रूप में उपयोग करना शुरू किया गया था, लेकिन पत्थरों के ढेर के कारण परेशानी को देखते हुए कांजी हाउस को भी बंद कर दिया गया था।
आरटीओ कार्यालय के लिए उपयुक्त जगह
सिटी बस डिपो के लिए चयनित एवं निर्मित परिसर में लगे विशालकाय पत्थरों के ढेर को सीमेंट संयंत्रों को विक्रय कर उक्त स्थल को जिला परिवहन कार्यालय के संचालन हेतु सौंपा जा सकता है, इसे शहर के भीतर मुख्य मार्ग पर छोटे से ही स्थान पर संचालित परिवहन कार्यालय में आने वाली समस्याओं तथा वाहनों के फिटनेस व ड्राइविंग टेस्ट के लिए अन्ययंत्र जाने से छुटकारा मिलने के साथ ही स्थान पर परिवहन कार्यालय से संबंधित सभी कार्य होने से भी विभाग तथा जिले वासियों को समस्याओं से निजात मिल सकती है।