बलौदा बाजार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 2 मई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आह्वान पर छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्यवर्धक भोजन बोरे-बासी भी खास हो गया। सीएम ने एक मई को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर श्रमिकों के सम्मान के लिए लोगों को बोरे-बासी खाने का आह्वान किया था। इसका पालन करते हुए जनप्रतिनिधि, अधिकारी से लेकर आम नागरिकों ने श्रमिक सम्मान तथा छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान से जोड़ते हुए बोरे बासी खाकर श्रमिक दिवस मनाया। लोग बोरे बासी को अपने स्वादानुसार टमाटर, आम का अचार, प्याज, नींबू के साथ खाते हुए फोटो तथा वीडियो इंटरनेट मीडिया, फेसबुक, ट्वीटर, वाट्सएप व इंस्ट्राग्राम में पोस्ट किया। इसमें न सिर्फ कांग्रेसजन, अधिकारी व कर्मचारी बल्कि अन्य दलों से जुड़े लोग व आम नागरिक के भी वीडियो और फोटो इंटरनेट मीडिया में दिखे।
स्थानीय लोगों के अनुसार बासी रात में पके हुए चावल को रातभर पानी में भिगोकर सुबह पूरी तरह भीग जाने पर भाजी, टमाटर चटनी, टमाटर-मिर्ची की चटनी, प्याज, बरी-बिजौरी व आम-नींबू के अचार के साथ मजे से खाया जाता है। बोरे बासी स्वास्थ्यगत दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है, इसमें विटामिन बी-12 की प्रचूर मात्रा के साथ-साथ ब्लड और हाइपरटेंशन को नियंत्रित करने का भी काम करता है। बोरे बासी में आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम की मात्रा भरपूर होती है।
जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर ने भी अपने बच्चों के साथ छत्तीसगढ़ी गाना सुनते हुए बोरे बासी खाते वीडियो अपलोड कर मजदूर दिवस की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सोच को सराहते हुए कहा कि हमें अपने प्रदेश की युवा पीढ़ी को छत्तीसगढिय़ा आहार और संस्कृति के प्रति गौरव का एहसास दिलाने का काम लगातार मुख्यमंत्री कर रहे हैं। पुराने समय में छत्तीसगढ़ के गांवों में बासी खाने की परंपरा रही है। आज भी अधिकांश लोग सबेरे बासी खाकर ही काम पर निकलते हैं। गर्मी के समय बोरे बासी का चलन रहा है। जिलाध्यक्ष ने बताया कि बोरे बासी गर्मी में शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखता है। लू से भी बचा जा सकता है।