बलौदा बाजार

बलौदाबाजार, 16 अप्रैल। एक निजी हॉस्पिटल में डॉक्टरों की टीम ने एक प्रीमेच्योर शिशु, जिसका फेफड़ा सिकुड़ा हुआ था, उसका सफल इलाज किया गया और दो महीने तक डॉक्टरों की टीम ने सतत मॉनीटरिंग कर नवजात के नई जिंदगी देने में कामयाबी पाई।
बिलासपुर जिले के ग्राम सिरगिट्टी निवासी दीपक कुमार रजक ने बताया कि उसकी पत्नी दामिनी रजक को जनवरी में अचानक पेट दर्द प्रारंभ हो गया, उस समय वह 7 माह की गर्भ में थी। अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन किया और बताया कि बच्चा मात्र डेढ़ किलो का है। साथ ही बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही है जिस पर उसे गहन चिकित्सा इकाई में रखा गया है।
इस संबंध में स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. गीतिका शंकर तिवारी ने बताया कि दामिनी रजक की गर्भाशय की थैली फट चुकी थी तुरंत ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई गई।
शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. राहुली देव ने बच्चे के इलाज की जिम्मेदारी ली और गहन चिकित्सा इकाई में रखकर बच्चे के सांस नली में ईटी टयूब से सर्फेक्टेंट डालकर उसे सांस लेने में मदद की, उसे काफी दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया और उसके सिकुड़े फेफड़े को कृत्रिम आक्सीजन देकर फुलाया गया जिससे बच्चे को राहत मिली और दो महीने के बाद आज मां और बेटे हमारे यहां से स्वस्थ होकर जा चुके हैं। टीम में डॉ. नितिन तिवारी, डॉ. ऋत्विक राय, निश्चेतना विशेषज्ञ सहित स्टाफ शामिल था।