बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 15 दिसंबर। बलौदाबाजार में एक अनोखा मामला सामने आया है जिसमें प्रार्थी किसान की पुश्तैनी जमीन बंटवारे के बाद किसी और के नाम पर चढ़ गई है। प्रार्थी किसान ने ग्राम सुहेला तहसील दफ्तर में प्रकरण भी दर्ज कराया और उसे पेशी पर भी बुलाया गया, पर संबंधित अफसर उस दिन आए ही नहीं। प्रार्थी किसान को तब सदमा लगा, जब उसे पता चला कि बिना सुनवाई हुए जमीन पर कब्जा करने वाले के पक्ष में फैसला भी हो गया।
सोहेला की नायब तहसीलदार शिल्पा भगत ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं होने का हवाला देकर मामले की जानकारी लेकर प्रार्थी को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
सोसायटी में अपना धान बेचने गए बुुड़हन के बुजुर्ग किसान राजाराम बंजारे के पैरों तले उस समय जमीन खिसक गई। जब उसे पता चला कि उसकी ऋण पुस्तिका पर पाबंदी लगी है। ऑनलाइन नकल निकाली तो पता चला कि उसके पूर्वजों की जमीन किसी और के नाम पर दर्ज कर दी गई है।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट के पास शिकायत लेकर पहुंचे पीडि़त किसान राजाराम बंजारे ने बताया कि 2019 में हम भाइयों के बीच बंटवारा हुआ मेरे हिस्से में आई जमीन पर सीमांकन करने वाले पटवारी ने बताया कि तुम्हारी एक एकड़ 35 डिसमिल जमीन लोकेश साहू तथा कन्हैया साहू के कब्जे में चली गई है। आपसी बातचीत से जब मामला नहीं सुलझा तो सोहेला तहसील में प्रकरण दर्ज कराया गया।
26 नवंबर 2021 को प्रार्थी ने लिखित तर्क प्रस्तुत करते हुए अपनी जमीन के सहारे वैध दस्तावेज जमा करा दिए। इसके बाद उसे 2 दिसंबर को पेशी की तारीख मिली थी मगर पैसे वाले दिन सुबह से शाम हो गई न तहसीलदार न ही नायाब तहसीलदार आए। निराश प्रार्थी किसान अपने परिजनों के साथ लौट गया।
पूर्वजों की जमीन एक रात में ही निकल गई हाथ से
नकल निकलवाने के बाद किसान को पता चला कि उसकी जमीन उसके नाम पर ही नहीं है तो वह भागा भागा तहसील कार्यालय गया, वहां से पता चला कि वैसी वाली तारीख के बाद बिना पैसे के ही फैसला आ गया है और आदेश जारी कर खसरा नंबर 1773 वह 1775 की जमीन जो पूर्व में उसके नाम थी, वह कन्हैया साहू तथा लोकेश साहू के नाम कर दी गई है। पीडि़त किसान ने आरोप लगाया कि राजस्व अधिकारी ने सांठगांठ कर मेरी जमीन से ही मुझे बेदखल कर दिया गया है।