बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 16 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ का एक गढ़ बिलाईगढ़ में राजशाही राजा दशहरा महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा।
बिलाईगढ़ राजमहल से प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ का एक गढ़ बिलाईगढ़ का राजशाही दशहरा 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
ओमकारेश्वर शरण सिंह ने बताया कि जहां पूरा देश आठ दिवस का नवरात्रि मना रहा है, किंतु बिलाईगढ़ राज परिवार के पूर्वज जो परंपरा चलाएं हैं, उसी के अनुरूप नवरात्रि नौ दिन का मनाया गया। आगे बताया कि बिलाईगढ़ गोंडवाना राज परिवार के पूर्वज सन 1885 में पन्ना मध्य प्रदेश से आकर यहां स्थापित हुए जिसका वंशावली आज भी लिखित रूप से राजमहल में मौजूद है।
गोंड़ आदिवासी मुख्यालय का केंद्र बिलाईगढ़ रहा है, जिनका देवस्थान यहां से 8 किलोमीटर दूर धनसीर एवं बिलाईगढ़ है।
ओमकारेश्वर शरण सिंह ने आगे बताया कि हमारा पैतृक पूजा गोंडवाना रीति रिवाज से संपन्न होते आ रहा है। जिसका प्रमाण 1962 में मौजूद है हमारा नवरात्र माता देवालय नवरात्र कुरिया में पुरातन से चली आ रही परंपरा के अनुरूप पूरे 9 दिन का ही मनाया जाएगा।
राजशाही दशहरा महोत्सव की तैयारी अभी से जोर शोर से चल रही है। आगे बताया कि जंवारा विसर्जन 15 अक्टूबर को कटवा घाट में किया गया। 16 अक्टूबर को सुबह से नगर में स्थापित समस्त देवी प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। वहीं 17 अक्टूबर रविवार को सुबह 9 बजे से राज बैगा द्वारा ग्राम पूजा शाम 4 बजे से राजमहल रैनी भांठा शाही सवारी प्रस्थान जहां आदिवासी युवाओं द्वारा तीरंदाजी प्रतियोगिता होता है। विजेता को 1001 नगद और धोती देकर सम्मानित किया जाता है। यहां सबसे आकर्षक गढ़ तोड़ाई का होता है, जिसमें विजेता को एक बकरा पुरस्कार स्वरूप दिया जाता है। जिसे देखने अंचल सहित पूरे क्षेत्र से जनसैलाब उमड़ता है।