बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 1 सितंबर। तहसील सुहेला के हिरमी, रावन, पडकीडीह में स्थापित सीमेंट संयंत्र द्वारा हिरमी, कुथरौद, सकलोर, मोहरा एवं अन्य ग्रामों की सडक़ों का उपयोग किया जाता है। इसके चलते सडक़ों की हालत काफी खराब हो चुकी है। सीमेंट संयंत्र द्वारा सडक़ों की मरम्मत कराने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
सुहेला से हिरमी पहुंचने के लिए ग्राम कुथरौद जो की हिरमी का प्रवेश द्वार कहलाता है। मोड पर ही अनेक गड्ढे है। संयंत्र पहुंचते तक लगभग 2.30 किलोमीटर रेलवे गेट हिरमी तक सडक़ की हालत काफी जर्जर हो चुकी है।
वहीं संयंत्र की कॉलोनी से संयंत्र की चहार दीवारी के बाजू से ग्रामीण विकास कार्यालय तक सडक़ पूरी तरह जर्जर है। वही मोहरा से लेकर हिरमी तक लगभग 6 किलोमीटर का मार्ग पूरी तरह से गड्ढे से अटी पड़ी है। जर्जर सडक़ की वजह से आए दिन दुर्घटना होती रहती है। सुहेला से कुथरौद तक 10 किलोमीटर का मार्ग लोक निर्माण विभाग संभाग बलौदाबाजार के अंतर्गत आता है, वही हिरमी से मोहरा तक लगभग 78 किलोमीटर इसी तरह हिरमी से सकलोर होते हुए पडकीडीह तक का मार्ग भी लोक निर्माण विभाग संभाग बलौदाबाजार के अंतर्गत आता है। मूल रूप से कुछ रोड से हिरमी बाह्य मार्ग वही संयंत्र के रेलवे गेट से ग्रामीण विकास होते हुए मोहरा रोड में प्रवेश द्वार पर का मार्ग संयंत्र के अधिकार क्षेत्र में आता है। लोक निर्माण विभाग संभाग बलौदाबाजार और सीमेंट संयंत्र प्रबंधन दोनों अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं। नतीजा लोगों को जर्जर सडक़ से लेकर आवागमन करना पड़ रहा है।
उपरोक्त सडक़ों पर 10 से लेकर 28 चक्का वाहन आवागमन करते हैं सीमेंट संयंत्र प्रबंधन कुथरौद से लेकर वाह्यय मार्ग ग्रामीण विकास होते हुए हिरमी बड़े तालाब तक स्वयं की सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए निर्माण कार्य कर सकता है किंतु ऐसा नहीं हो रहा।
ग्रामीणों का कहना है कि इसी संयंत्र अपने उत्पादन और सीमेंट के परिवहन के लिए सडक़ का निर्माण करते हैं, तो उनके निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी संयंत्र की है। क्षेत्रवासियों के साथ-साथ परिवहन करने वाले ग्रामीणों के लिए भी सडक़ों का उपयोग जरूरी है, किंतु संयंत्र प्रबंधन अपनी जिम्मेदारी तय नहीं कर पा रहा है।