बलौदा बाजार

पूजा-अर्चना कर भोजली विसर्जन, पुरस्कार वितरण भी
24-Aug-2021 8:06 PM
पूजा-अर्चना कर भोजली विसर्जन, पुरस्कार वितरण भी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कसडोल, 24 अगस्त।
नगर कसडोल में उल्लासपूर्ण माहौल में इस साल भी सोमवार को भोजली विसर्जन किया गया।
कोरोना काल के मद्देनजर बगैर तामझाम के शाम को घरों से महिलाएं युवतियां अपने सिर पर भोजली लेकर निकालीं। नगर के सभी वार्डों से महिलाएं निकलकर रामसागर तालाब में पहुंची। जहां गांव के बैगा द्वारा पूजा अर्चना पश्चात भोजली का विसर्जन कर दिया गया।

भोजली त्यौहार छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहारों में से एक हैं। सदियों से चली आ रही प्रथा के अनुसार भोजली से आने वाले खरीफ फसल का अनुमान लगाया जाता है, जिसमें जिस साल भोजली अच्छी रहती है उस साल फसल अच्छा होने का अनुमान लगाया जाता है। 

भोजली की दूसरी सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि सालभर में यदि किसी का मनमुटाव हुआ रहता है उसे भोजली देकर शिष्टाचार करनें से दुश्मनी मिट जाती है। परिवार पड़ोसी ग्रामीण सबमे भोजली एक आपसी प्रेम का प्रतीक बन जाता है। 

नगर कसडोल में भोजली विसर्जन में पुरुस्कार वितरण भी हुआ। आसपास के ग्रामीण अंचलों में भी भोजली विसर्जन करने के समाचार मिले हैं।
 


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