बलौदा बाजार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बलौदाबाजार, 11 अगस्त। बलौदाबाजार नगरवासी इन दिनों कुछ घुमंतू महिलाओं के आतंक से परेशान हैं। महिलाएं और सुबह उठकर लोगों के घर के बाहर स्थित लोहे से बने सामग्रियों समेत निर्माणाधीन भवनों के आसपास समूह में घूमकर सरिया व अन्य लोहे की सामग्रियों की चोरी कर रही हैं।
यही नहीं, यदि भवन मालिक अथवा अन्य व्यक्ति इन महिलाओं को रोकने का प्रयास करता है तो समूह में पहुंची महिलाओं द्वारा अभद्रता प्रारंभ कर दी जाती है, जिससे व्यक्ति चुप रहने में ही भलाई समझता है। ऐसा ही वाक्य गत दिवस नगर के एक व्यवसायी मुकेश रोहरा के साथ हुआ किंतु सीसीटीवी फुटेज होने के चलते उसके द्वारा पुलिस में शिकायत किए जाने पर तत्काल कार्यवाही कर लोहे की जाली को महिलाओं से वापस लिया गया
विदित हो कि प्रतिदिन अल सुबह महिलाएं प्लास्टिक के बड़े-बड़े बारदाने लेकर समूह में निकलती है। इन महिलाओं के समूह द्वारा योजनाबद्ध तरीके से आसपास की रखवाली की जाती है। ताकि वह किसी की नजर में ना आ सके। इसके पश्चात समूह की महिला लोहे के ग्रिल, एंगल, सरिया आदि को बारदाने में रखकर चलती बनती है।
सुबह-सुबह पुलिस गश्त खत्म होने का उठाती है फायदा
चूंकि सुबह-सुबह पुलिस की गश्त भी समाप्त हो जाती है अत: ये धुमंतू महिलाएं इसका फायदा उठाते हुए चोरी की वारदातों को अंजाम देती है. महिलाएं इतनी बेखौफ होती हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति अथवा सामग्री का मालिक उन्हें रोकने का प्रयास करता है, तो गाली गलौज पर उतारू हो जाती है। महिलाओं का समूह सुबह से ही छोटी युवतियों के साथ नगर के विभिन्न वार्डों में चुपचाप तरीके से चोरी की वारदातों को अंजाम देता है जिसके चलते नगरवासी अत्यधिक त्रस्त हैं।
अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की मांग
महिलाएं इतनी अधिक शातिर हैं कि उनके द्वारा कई अवसरों पर टेलीफोन डिश एंटीना के केबल सडक़ किनारे लगे छोटे लाइट बोर्ड ट्री गार्ड भी काटकर चोरी कर लिया जाता है। चोरी किए गए सामानों की कीमत कम होने के चलते अक्सर पीडि़त पक्ष इनकी शिकायत दर्ज नहीं करता। जिसका महिलाओं के समूह द्वारा जमकर फायदा उठाया जाता है शहरवासियों ने अभियान चलाकर ऐसे महिलाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग पुलिस प्रशासन से की है।
कबाड़ व्यवसाईयों का है संरक्षण
घुमंतू महिलाएं पहले तो सामग्री की चोरी करती है। उसके पश्चात पूर्व सदस्य चोरी की सामग्री को कुछ कबाड़ व्यवसायियों के यहां विक्रय करते हैं, जो कि पुलिस द्वारा ऐसे कबाड़ीयों पर अरसे से कार्यवाही नहीं की गई है जिसके चलते कतिपय कबाड़ व्यवसायियों द्वारा ऐसे महिलाओं व उसके पुरुषों को संरक्षण देकर रखा गया है। यदि पुलिस ऐसे कुछ कबाड़ व्यवसायियों पर कार्यवाही की जाये, तो निश्चित ही घुमंतू महिलाओं के गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकेगी।